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Vyapam Scam : मुरैना निवासी धर्मेंद्र शर्मा (30) ने पुलिस भर्ती परीक्षा-2013 सॉल्वर की मदद से पास कर 11 साल नौकरी करता रहा। एसटीएफ की स्पेशल कोर्ट ने अब उसे दो मामलों में 14 साल की सजा सुनाई है।

Vyapam Scam : मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले का नया मामला समाने आया है। 2013 में साल्वर की मदद से परीक्षा पास कर आरक्षक बने युवक को STF की स्पेशल कोर्ट ने 14 साल की सजा सुनाई है। आरोपी मुरैना का रहने वाला है और इंदौर के वियजनगर थाने में पदस्थ था। कोर्ट ने उस पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है। 

11 साल नौकरी के बाद सजा 
मुरैना निवासी धर्मेंद्र शर्मा (30) ने पुलिस की भर्ती परीक्षा-2013 सॉल्वर बैठाकर पास की थी। बतौर आरक्षक 11 साल नौकरी भी कर ली। एसटीएफ कोर्ट ने अब उसे दो अलग-अलग मामलों में 7-7 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार रुपए जुर्माना लगाया है।  

रिश्तेदार ने दर्ज कराई शिकायत 
मुरैना निवासी आरक्षक धर्मेंद्र शर्मा (30) के खिलाफ यह शिकायत उसके रिश्तेदार ने 2022 में दर्ज कराई थी। एसटीएफ ने मामले की जांच कराई। जिसमें शिकायतों की पुष्टि होने पर एफआईआर दर्ज कर एसटीएफ कोर्ट में चार्जशीट सौंपी। जहां लंबी चली सुनवाई के बाद गत दिवस सजा का ऐलान किया गया। 

 STF कोर्ट की सख्त टिप्पणी
अभियुक्त धर्मेंद्र शर्मा को सजा सुनाते हुए कोर्ट ने तंत्र पर सवाल उठाए हैं। कहा, अयोग्य और बेईमान अभ्यर्थी के शासकीय सेवक बनने के दुष्परिणामों की कल्पना भी नहीं की जा सकती। ऐसे अपराधों की पुनरावृत्ति न हो और भर्ती प्रक्रिया में लोगों का विश्वास स्थापित हो, इसके लिए जरूरी है कि अभियुक्त को सख्त सजा दी जाए।  

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अप्रैल-सितंबर में दो बार बैठाया साल्वर 
आरक्षक धर्मेंद्र शर्मा इंदौर के विजय नगर थाने में पदस्थ है। शिकायत के अनुसार उसने अप्रैल 2013 और सितंबर 2013 में आरोपी ने सॉल्वर की मदद से परीक्षा दी थी। अप्रैल की परीक्षा में फेल हो गया, लेकिन सितंबर में पास होकर आरक्षक बना। 

ताऊ ने कराई थी डील 
2013 में धर्मेंद्र 19 साल का था। सॉल्वर बैठाने की डील उसके ताऊ ने की थी। उनकी अब मौत हो चुकी है। एसटीएफ अब तक सॉल्वर को नहीं तलाश पाई। एडीजी ने नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया। लेकिन कोर्ट में 4 माह में न्यायालयीन कार्रवाई पूरी कर सजा सुना दी है। 

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