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Nagpur Nitin Gadkari Speech: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार (15 मार्च) को फिर धर्म और जाति की सियासत पर कटाक्ष किया। नागपुर के कार्यक्रम में कहा, जो करेगा जात की बात, उसे मारूंगा कस के लात।

Nagpur Nitin Gadkari Speech: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर धर्म और जाति की सियासत पर ऐतराज जताया है। शनिवार (15 मार्च) को नागपुर के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, जो करेगा जात की बात, उसे मारूंगा कस के लात। नितिन गड़करी ने समाज सेवा मेरे लिए सर्वोपरि है। सार्वजनिक रूप से मैं कभी जाति धर्म की बात नहीं करता। 

ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गड़करी ने कहा, चाहे चुनाव हार जाऊं या फिर मंत्री पद चला जाए, लेकिन मैं अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करने वाला। जाति और धर्म के नाम पर समाज को बांटने वाली मानसिकता के खिलाफ मैं हमेशा अडिग रहूंगा। मंत्री पद न मिलने पर मर नहीं जाऊंगा।

नागपुर में नितिन गडकरी की 3 बातें

  • नागपुर में नितिन गडकरी ने कहा, मैं राजनीति में हूं, जहां कई तरह की बातें होती हैं। लेकिन काम करने का मेरा अपना तरीका है। मैं कभी जाति-धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता। मुझे इस बात की भी चिंता नहीं होती कि कौन वोट देगा और कौन नहीं देगा। सार्वजनिक जीवन में रहते हुए मैंने इसी सिद्धांत पर चलने का निश्चय किया है। चुनाव हारने या मंत्री पद छिनने से मर थोड़े जाऊंगा।
  • नितिन गडकरी ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा, एमएलसी रहते मैंने एक इंजीनियरिंग कॉलेज की अनुमति अंजुमन-ए-इस्लाम संस्थान (नागपुर) को ट्रांसफर कर दी थी। क्योंकि मुस्लिम समुदाय को उस समय उसकी ज़्यादा जरूरत थी। मुस्लिम समुदाय से अगर ज्यादा इंजीनियर, IPS और IAS बनेंगे तो सबका विकास होगा।
  • नितिन गडकरी ने पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का उदहरण देते हुए कहा, आज अंजुमन-ए-इस्लाम के बैनर तले हजारों छात्र इंजीनियर बन चुके हैं। उन्हें पढ़ने का मौका न मिलता तो कुछ नहीं कर पाते। इसलिए शिक्षा की ताकत समझें। यह जीवन और समुदायों को बदल सकती है। 

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आलोचनाएं बर्दाश्त करे शासक 
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी अपनी बेबाक बयानबाजी के लिए चर्चित हैं। पुणे के एक कार्यक्रम में उन्होंने राज सत्ता के सिद्धांतों पर चर्चा की। कहा, शासक ऐसा होना चाहिए कि कोई उसके खिलाफ बात करे तो बर्दाश्त कर सके। आलोचनाओं का आत्मचिंतन ही लोकतंत्र में सबसे बड़ी परीक्षा होती है। 

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