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झांसी में एक ऐसी ही अनोखी विदाई देखने को मिली, जब दूल्हे की बारात 12 बुलडोजर के साथ निकली। इस अनोखे अंदाज को देखकर लोग आश्चर्यचकित रह गए और बारात को अपने मोबाइल में कैद करने लगे।

UP News: शादियों में अनोखी रस्मों और अनूठे अंदाज की बारातें अक्सर चर्चा का विषय बनती हैं। झांसी में एक ऐसी ही अनोखी विदाई देखने को मिली, जब दूल्हे की बारात 12 बुलडोजर के साथ निकली। इस अनोखे अंदाज को देखकर लोग आश्चर्यचकित रह गए और बारात को अपने मोबाइल में कैद करने लगे।

बुलडोजर के साथ अनोखी बारात:
झांसी के सिजवाह गांव के आजाद नगर निवासी मुन्नीलाल ठेकेदार के छोटे बेटे राहुल यादव की शादी खोड़न गांव की करिश्मा यादव से तय हुई। गुरुवार को बारात शिवपुरी रोड स्थित बिहारी मैरिज गार्डन पहुंची, जहां धूमधाम से शादी संपन्न हुई। शादी के बाद जब शुक्रवार सुबह विदाई का समय आया, तो दुल्हन की कार के साथ 12 बुलडोजर भी गेट पर खड़े थे। यह नजारा देखने वालों के लिए अचंभे का विषय बन गया।

बारात में बुलडोजर क्यों?
राहुल यादव के अनुसार, उत्तर प्रदेश में बुलडोजर को 'बाबा का बुलडोजर' कहा जाता है, जो अवैध निर्माणों पर चलता है। उन्होंने सोचा कि इस प्रतीक को शादी की विदाई में शामिल किया जाए। उनके परिवार के पास पहले से ही कई बुलडोजर थे, और कुछ बुलडोजर रिश्तेदारों और मित्रों से भी बुलाए गए। इस अनोखी बारात को देखने के लिए सड़कों पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी।

अनोखी विदाई:
मुन्नीलाल यादव पांच भाई हैं और सभी ठेकेदारी के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। उनके पास खुद के बुलडोजर हैं, जिनका उपयोग उन्होंने इस खास मौके पर किया। बारात में जहां कार, बग्घी और डीजे का इस्तेमाल किया गया, वहीं विदाई को खास बनाने के लिए बुलडोजर का प्रयोग किया गया।

शहरभर में चर्चा:
झांसी में इस अनोखी विदाई को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं। बारातियों ने बुलडोजर पर खड़े होकर नाच-गाना किया और पूरे रास्ते जश्न मनाया। यह अनोखी विदाई लोगों के लिए यादगार बन गई और सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो गई।
 

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