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Prayagraj Maha Kumbh-2025: महाकुंभ मेला 13 जनवरी को शुरू हुआ था। शुक्रवार 14 फरवरी तक देश-दुनिया से करीब 50 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे। सर्वाधिक 7 करोड़ श्रद्धालु 29 जनवरी को मौनी अमावस्या को आए पहुंचे थे।

Prayagraj Maha Kumbh-2025: प्रयागराज महाकुंभ-2025 मेले में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। पिछले 33 दिन में 50 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। जो महा रिकॉर्ड है। इतने श्रद्धालु दुनिया के किसी मेले में नहीं पहुंचे। महाकुंभ में आए तीर्थयात्रियों की यह संख्या कुछ देशों की आबादी से भी ज्यादा है। 

महाकुंभ मेला 13 जनवरी को शुरू हुआ था। 14 फरवरी तक देश-दुनिया से यहां 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। सर्वाधिक 7 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन संगमनगरी पहुंचे।

60 हजार से ज्यादा पुलिस जवान तैनात 
प्रयागराज महाकुंभ क्षेत्र के डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि महाकुंभ मेले में अब तक 50 करोड़ से श्रद्धालुआ पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। हम सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं। 60 हजार से ज्यादा पुलिस जवान मेला क्षेत्र में तैनात हैं। इसके अलावा तमाम समाजसेवी संगठन और स्वयंसेवक श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर हैं। 

महाराष्ट्र के CM फडणवीस परिवार सहित पहुंचे
कुंभनगरी में शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उनकी पत्नी अमृता, बेटी सहित पूरा परिवार पहुंचीं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, यह आस्था का सबसे बड़ा कुंभ है। हर सनातनी हिंदू पवित्र डुबकी लगाना चाहता है। मुझे खुशी है कि परिवार के साथ महाकुंभ में आने का सौभाग्य मिला। उनकी बेटी दिविजा ने कहा, मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने भारतीय संस्कृति के बारे में बहुत कुछ सीखा। 

16 को राहुल-प्रियंका भी आएंगे
प्रधानमंत्री मोदी ने 5 फरवरी को संगम में पवित्र डुबकी लगाई थी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, अदाडी-अंबानी सहित अन्य हस्तियां भी पहंचीं।16 फरवरी को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी संगम स्नान करेंगे। 

व्यवस्थाएं और प्रशासन की तैयारी 
महाकुंभ मेले में यातायात और सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने अतिरिक्त पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारियों को तैनात किया गया है। संगम क्षेत्र में ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है। श्रद्धालुओं के लिए अस्थायी शिविर, भोजन व्यवस्था, चिकित्सा कैंप और परिवहन सेवा भी उपलब्ध है। 

भारतीय सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
महाकुंभ में आए संत-महात्माओं और श्रद्धालुओं ने इसे सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बताया है। कुंभ की भव्यता की सराहना करते हुए साधु-संतों ने इसे भारत की गौरवशाली आध्यात्मिक विरासत कहा। महाकुंभ 2025 में अभी कई प्रमुख स्नान तिथियां शेष हैं। जिसमें श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ने की संभावना है।

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