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Uttarakhand Uniform Civil Code: मसौदे को विधेयक के रूप में छह फरवरी को सदन में पेश किए जाने की संभावना है। इसके लागू होने पर उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी अपनाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।

Uttarakhand Uniform Civil Code: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) का मसौदा (UCC Draft) तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी ने शुक्रवार सुबह देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उनके आधिकारिक आवास पर ड्राफ्ट सौंप दिया। इसे शनिवार, 3 फरवरी को कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। इसके बाद कानून पारित कराने के लिए चार दिन के लिए विधानसभा सत्र चलेगा। 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम सभी लंबे समय से ड्राफ्ट का इंतजार कर रहे थे। आज हमें यूसीसी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है। हमने 2022 के विधानसभा चुनाव में जनता से वादा किया था कि राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करेंगे। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद हम इसे राज्य विधानसभा के दौरान रखेंगे और इस पर आगे चर्चा की जाएगी। 

मसौदे में 400 से अधिक धाराएं
मसौदे में 400 से अधिक धाराएं शामिल हो सकती हैं। इसमें एक समान विवाह, तलाक, जमीन, संपत्ति और उत्तराधिकार के कानून सभी धर्मों के लोगों पर समान लागू होंगे। 

  • बहुविवाह पर पूरी तरह से रोक लगेगी। 
  • लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र 21 साल होगी। 
  • लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों को पुलिस में रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। 
  • विवाह के बाद अनिवार्य पंजीकरण की व्यवस्था बनेगी। 
  • विवाह का पंजीकरण नहीं कराने से शादी अमान्य होगी। सरकारी सुविधाएं नहीं मिलेंगी।
  • लड़कियों को भी लड़कों के बराकर विरासत का अधिकार मिलेगा। 
  • मुस्लिम समुदायों में इद्दत जैसी प्रथा पर रोक लग सकती है। 
  • अनाथ बच्चों के लिए संरक्षकता की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। 
  • बच्चों की संख्या पर भी प्रावधान बन सकते हैं। 

5 फरवरी से शुरू होगा विधानसभा का सत्र
समान नागरिक कानून पारित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड विधानसभा का चार दिवसीय विशेष सत्र 5 से 8 फरवरी तक बुलाया है। यूसीसी ड्राफ्ट मिलने के बाद राज्य सरकार शनिवार को कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी देगी। इस मसौदे को विधेयक के रूप में छह फरवरी को सदन में पेश किए जाने की संभावना है। इसके लागू होने पर उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी अपनाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।

देहरादून में सौंपा जाएगा ड्राफ्ट
सोशल मीडिया के एक्स पोस्ट में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज का दिन प्रदेश के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि समान नागरिक संहिता एक भारत, श्रेष्ठ भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में मदद करेगा। उन्होंने बताया कि यूसीसी लागू करने के उद्देश्य से ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित समिति आज सुबह 11 बजे देहरादून में ड्राफ्ट सौंपेगी। समीक्षा के बाद हम आगामी विधानसभा सत्र में बिल लाकर राज्य में यूसीसी लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। 

2022 में कमेटी का हुआ था गठन
यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। मई 2022 में कमेटी बनाई गई थी। यूसीसी ड्राफ्टिंग पैनल में सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रमोद कोहली, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह और दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल भी शामिल हैं। यूसीसी ड्राफ्ट करने के लिए कमेटी को कुल चार एक्सटेंशन दिए गए हैं। इस जनवरी में 15 दिनों का और समय दिया गया था। 

यूसीसी राज्य के सभी नागरिकों पर लागू होगा। इसके तहत लोगों को चाहे उनका धर्म कुछ भी हो, एक समान विवाह, तलाक, भूमि, संपत्ति और विरासत कानूनों के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करेगा।

भाजपा ने किया था वादा
यूसीसी पर एक कानून पारित होने से 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले राज्य के लोगों से भाजपा द्वारा किया गया एक बड़ा वादा पूरा हो जाएगा। भाजपा लगातार दूसरी बार भारी जीत के साथ सत्ता में आई थी। भाजपा की जीत के बाद धामी सरकार ने मार्च 2022 में मंत्रिमंडल की पहली बैठक में यूसीसी के लिए एक मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया था।

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