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Dushyant Chautala Exclusive Interview: हरियणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। जहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों सत्ता में काबिज होने की कोशिशों में जुटी है। वहीं, जननायक जनता पार्टी (JJP) भी राज्य के चुनावी मैदान में उतरी है। जेजेपी के कद्दावर नेता और हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला जेजेपी के लिए वोटर्स का समर्थन जुटाने में लगे हैं। Inh 24x7 और हरिभूमि के एडिटर-इन-चीफ हिमांशु द्विवेदी के साथ स्पेशल शो चुनावी संवाद में दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के चुनावी माहौल को लेकर खुल कर राय जाहिर की।

'हमने लोगों से किए वादे पूरे किए'
हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इस बार हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलेगा। कांग्रेस 40 सीटें भी नहीं जीत पाएगी। इसके साथ ही यह भी दावा किया कि बीजेपी भी 25 सीटों से नीचे आएगी। हालांकि, जेजेपी कितनी सीटें जीतेगी इस पर वह कोई भी नंबर बताने से टाल गए। दुष्यंत सिंह चौटाला ने कहा कि अगर चाभी हमारे पास होगी तो ताला भी हम ही खोलेंगे। दुष्यंत चौटाला ने कांग्रेस या बीजेपी किसी के साथ गठबंधन करने से इनकार किया।

जेजेपी ने पूरे किए हैं कई चुनावी वादे
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इस बार के चुनाव में भी जेजेपी के विजन को लोगों का समर्थन मिलेगा। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हमने जो वादे जनता से किए थे उनमें से कई वादों को पूरा करने में सफल रहे। पंचायती राज में महिलाओं को 50 प्रतिशत हिस्सेदारी देने की बात हो या फिर राज्य में निवेश लाकर युवाओं को रोजगार देने की बात। इसके साथ ही पिछड़े वर्ग (BC) को पंचयती राज में हम 8 प्रतिशत आरक्षण दिलावने में सफल रहे। किसानों को दो दिन में पेमेंट करने का वादा भी हमने पूरा किया।

हमारी चाभी में दम होगा तो ताला हम ही खोलेंगे
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हर क्षेत्रीय पार्टी में उतार चढ़ाव आते हैं। कांग्रेस और बीजेपी जैसी पार्टियां, यूपी की समाजवादी पार्टी भी इन उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ा है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जनमत जनता का काम है।

बीजेपी के साथ गठबंधन टूटने पर कही ये बात
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि बीजेपी के साथ जेजेपी का गठबंधन टूटने का हमारे कार्यकाल के दौरान किए गए काम पर कोई असर नहीं होगा। कई ऐसे वादे थे जो पहले पूरी नहीं की जाती थी। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मुझे लगता है कि बीजेपी के साथ गठबंधन करके हमने लोगों का सेंटिमेंट समझ नहीं पाए। लोकसभा चुनाव में हमें इसकी कीमत चुकानी पड़ी। हालांकि,  इसके बाद हम 48 विधानसभा क्षेत्रों में गए, लोगों को समझाया। अब लोग इस बात को समझने लगे हैं।

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