Kyrgyzstan Ground Report: किर्गिस्तान से ग्राउंड रिपोर्ट: किर्गिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों पर हमले की खबरों के बाद हरिभूमि-आईएनएच इस मुद्दे को प्रमुखता से उठा रहा है। पहली बार हरिभूमि-आईएनएच ने किर्गिस्तान पहुंचकर यहां के जिम्मेदार मंत्रियों, अफसरों और पीड़ित स्टूडेंट्स से बातचीत की। बता दें कि किर्गिस्तान में भारत के करीब 17 हजार छात्र पढ़ाई करते हैं। इस कड़ी में पेश है किर्गिस्तान में भारतीय राजदूत अरुण कुमार चक्रवर्ती से हरिभूमि-आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी की सीधी बातचीत।
सवाल: किर्गिस्तान में स्थिति भयावह होने की खबरों के बीच आप कितने तनाव में है?
जवाब: आप का किर्गिस्तान में आने पर बहुत स्वागत है। हम किसी प्रकार के तनाव में नहीं है। स्थिति बिल्कुल सामान्य हैं। शैक्षणिक संस्थान और दुकानें खुली हुई हैं। यहां चिंता की कोई बात नहीं है।
सवाल: 13 मई के बाद ऐसा क्या हुआ कि भय का माहौल पैदा हो गया, क्यों भारत के 17 हजार बच्चों के माता-पिता तनाव में आ गए?
जवाब: सबसे पहले 13 तारीख की जो घटना घटी, उसके बारे में हमें कुछ पता नहीं चला। 17 मई की घटना के बाद हमें इसके बारे में कुछ जानकारी हुई। इसके बाद हमें पता चला कि 13 मई को यहां पर कुछ घटना घटी थी और उसके बाद ही सारा प्रकरण शुरू हुआ। इसके बाद हमने किर्गिस्तान के अधिकारियों से बातचीत की। स्थानीय अधिकारियों ने हमें आश्वासन दिया कि सारे बच्चों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
हुआ यह कि सोशल मीडिया के जरिए गलत सूचना फैली और यह बात इंडिया तक फैली और यहां पढ़ने वाले छात्राें के माता-पिता टेंशन में आ गए। इसके बाद लगातार हमारे पास फोन कॉल आने लगे। हमने सभी फोन का जवाब दिया। यहां की टूर ऑपरेटर्स भी दिन में दो बार फ्लाइट ऑपरेट करने की बात कही। हालांकि नॉर्मल चैनल से बातचीत के बाद हमें ऐसा नहीं लगा कि कोई इवैक्युएशन ड्राइव चलाने की जरूरत है।
सवाल: यहां के इंटरनल मिनिस्टर ने तीन दावे किए, किसी की मौत नहीं हुई,किसी के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ, इस घटना में 29 लोग घायल हुए, लेकिन इनमें कोई भी भारतीय नहीं थे, ऐसे में आप स्थानीय अथॉरिटी के दावे की सत्यता को लेकर क्या कहेंगे, आप तो लगातार भारतीयों के संपर्क में थे?
जवाब: हमारे पास किसी भी भारतीय के साथ कोई अप्रिय घटना की जानकारी नहीं मिली। मिनिस्टर लेवल पर हमारे पास यह जानकारी आई कि हमारे बच्चे सुरक्षित हैं। किसी भी भारतीय के साथ कोई वारदात नहीं हुई है। हालांकि, बच्चे थोड़ डर में थे। उन्हें डर लग रहा था कि कहीं, फिर हमला नहीं हो जाए। हमने आश्वासन दिया। इसके साथ ही हम लगातार स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में थे। कहीं भी हमें पता चलता कि कोई तनाव में है, तो हम तुरंत पुलिस को बता देते और पुलिस तुरंत वहा पहुंच जाती थी।
सवाल: सरकार के स्तर पर तो संदर्भ अच्छे हैं, आप फोन कर रहे हैं और पुलिस पहुंच जा रही हैं, आप जिसे चाह रहे हैं मदद करवा दे रहे हैं, लेकिन भारतीयों लोगों को यहां के बाशिंदे किस निगाह से देखते हैं, यह देश भारतीयों के लिए कितना अनुकूल है?
जवाब: भारतीयों के लिए किर्गिस्तान बहुत ही अनुकूल देश है। एक तो किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक दिल्ली से महज दो से ढाई घंटे की दूरी पर है। काफी अच्छी कनेक्टिविटी मौजूद है। किर्गिस्तान और भारत के लोग के बीच पीपुल टू पीपुल कॉन्टैक्ट बहुत अच्छा है। आम इंडियन्स के लिए किर्गिस रिपब्लिक में बहुत प्रेम है। लोग इंडियन कल्चर से भी ज्यादा प्यार करते हैं। हमारे दूतावास में योगा क्लासेज और क्लासिकल डांस क्लास हाेते हैं, काफी संख्या में स्थानीय लोग इसमें शामिल होते हैं।
सवाल: किर्गिस्तान भारतीय बच्चों के लिए कितना सेफ है? किर्गिस्तान में पढ़ने वाले छात्रों के भारतीय माता-पिता को आप क्या कहना चाहेंगे?
जवाब: र्किगिस्तान भारतीय बच्चों के लिए बेहद सुरक्षित हैं। मैं भारतीय माता पिता को यही कहना चाहूंगा कि जो भी बच्चे यहां पढ़ रहे हैं, वे बिल्कुल सुरक्षित हैं। जो बच्चे फिफ्थ, सिक्स्थ ईयर और फाइनल ईयर के बच्चे हैं, उनकी परीक्षा चल रही है। हम सभी प्रार्थना करते हैं कि वे उत्तीर्ण होकर, डॉक्टर बनकर भारत लौटें। जो बच्चे एक वन टू फोर ईयर के बीच हैं, उनके ऑनलाइन क्लासेज चल रहे हैं। वे फिलहाल भारत में हैं। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि जब वे भारत से वापस किर्गिस्तान लौटेंगे तो इसे उतना ही सुंदर और सुरक्षित पाएंगे।
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