Hiroshima Atomic Bomb Watch: क्या कोई इंसान किसी बंद घड़ी के लिए लाखों रुपए खर्च कर सकता है। ज्यादातर लोग इसका जवाब नहीं में देंगे। हालांकि हाल ही में अमेरिका के बोस्टन में एक नीलामी के दौरान एक बंद घड़ी के लिए 25 लाख रुपए की बोली लगाई गई। दरअसल, यह घड़ी साल 1945 में हिरोशिमा-नागासाकी में हुए परमाणु बम विस्फोट से जुड़ी हुई। उस भयानक बम विस्फोट के बाद एक सैनिक को यह घड़ी मिली थी।
सुबह 8:15 बजे पर ठिठकी है इस रिस्ट वॉच की सूई
सबसे खास बात यह की इसकी सूई ठीक उसी समय पर रुकी हुई है जब यह भयावह एटमी धमाका हुआ था। बर्फ में जमी मिली इस घड़ी की सूई सुबह 8:15 बजे पर ठिठकी है। ठीक इसी वक्त 1945 में दुनिया के सबसे बड़े और विनाशकारी धमाकों में शामिल हिरोशिमा नागासाकी बम धमाके को अंजाम दिया गया था। यही वजह है कि इस घड़ी की इतनी ज्यादा कीमत लगाई गई है। एक व्यक्ति ने अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर इसके लिए 31 हजार डॉलर की बोली लगाई। भारतीय रुपए में इसकी कीमत 25 लाख रुपए से भी ज्यादा होती है।
कई दूसरी महत्वपूर्ण चीजों पर भी लगी बोली
नीलामी में अन्य महत्वपूर्ण चीजें भी थीं। चीन के माओ नेता माओत्से तुंग की एक किताब और जॉर्ज वाशिंगटन के हस्ताक्षर वाले एक कागज को टुकड़े को भी इस नीलामी में प्रदर्शित किया गया था। इन चीजों के लिए लोगों ने बढ़-चढ़ कर बोलियां लगाई है। नीलामी का आयोजन करने वाले लोगों का कहना है कि ये चीजें सिर्फ इकट्ठा करने के लिए नहीं हैं. वे चाहते हैं कि वे सभी को याद दिलाएं कि युद्ध कितने बुरे हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, घड़ी उस क्षण को दिखाती है जब बम के कारण सब कुछ बदल गया।तो, नीलामी केवल चीज़ें खरीदने के बारे में नहीं थी; यह इतिहास को याद रखने और यह सुनिश्चित करने के बारे में भी था कि हम बुरी चीजें दोबारा न होने दें।
किस ने कराई कलाई घड़ी की नीलामी
इस घड़ी की नीलामी आरआर ऑक्शन हाउस की ओर से कराई गई। ऑक्शन हाउस ने खुलासा किया कि एक ब्रिटिश सैनिक, जब हिरोशिमा में आपातकालीन सहायता करने और पुनर्निर्माण की जरूरतों का आकलन करने के मिशन पर था, तो उसे प्रीफेक्चुरल प्रमोशन हॉल में यह कलाई घड़ी मिली। यह कलाई घड़ी बर्फ से जमी हुई थी। यह सैनिक अपने साथ इस कलाई घड़ी को लेकर आ गया था। आरआर ऑक्शन के एक्यक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट बॉबी लिविंगस्टन ने कहा कि ने कहा कि यह कलाई घड़ी ऐसी है जिसे संग्रहित करके रखा जा सकता है।
क्या है हिरोशिमा-नागासाकी बम विस्फोट
साल 1945 में, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, बी-29 एनोला गे नामक विमान से "लिटिल बॉय" नामक एक विशाल बम गिराया गया था। इस बम ने इतिहास बदल दिया और युद्ध का एक बड़ा हिस्सा था। एनोला गे वह विमान था जिसने इस शक्तिशाली बम को ले जाकर जापान के हिरोशिमा शहर के ऊपर छोड़ा था। इस घटना का दुनिया पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा और युद्ध में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया। इस विस्फोट को दुनिया के इतिहास में अब भी याद किया जाता है। इसके प्रभाव के कारण कई दशकों तक जापान में विकलांग बच्चे पैदा होते रहे।