OCCRP Controversy: बीजेपी की ओर से राहुल गांधी और अमेरिकी मीडिया वेबसाइट OCCRP पर लगाए गए गंभीर आरोपों पर अमेरिका ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी दूतावास ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि अमेरिका मीडिया की स्वतंत्रता का समर्थक है। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि OCCRP अमेरिका और जॉर्ज सोरोस की फंडिंग से भारत को अस्थिर करने की साजिश रच रहा है। बीेजेपी ने एक फ्रेंच मीडिया में छपी रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह आरोप लगाए थे।
आरोपों पर अमेरिका ने कहा- 'यह निराशाजनक है'
अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से लगाए गए आरोप निराशाजनक हैं। अमेरिका लंबे समय से मीडिया की स्वतंत्रता का चैंपियन रहा है। प्रवक्ता ने कहा, 'इंडिपेंडेंट प्रेस किसी भी लोकतंत्र का बेहद ही अहम हिस्सा है। स्वतंत्र मीडिया और प्रेस ही सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए काम करता है।"
OCCRP और जॉर्ज सोरोस पर आरोप
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने शुक्रवार(6 दिसंबर) को OCCRP पर विदेशी ताकतों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह संगठन अमेरिकी विदेश विभाग और अरबपति जॉर्ज सोरोस की फंडिंग से चलता है। पात्रा ने दावा किया कि OCCRP के झूठे आरोप भारत की स्थिरता को कमजोर करने की कोशिश हैं।
राहुल गांधी पर साधा निशाना
संबित पात्रा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर OCCRP और विदेशी ताकतों से जुड़े होने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर भारत में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। पात्रा ने उन्हें "सबसे बड़ा देशद्रोही" करार दिया। पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी और जॉर्ज सोरोस दोनों एक हैं। दोनों का मकसद भारत को अस्थिर करना है।
कांग्रेस ने आरोपों पर जताई आपत्ति
कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए बीजेपी पर पलटवार किया। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर संबित पात्रा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। टैगोर ने पात्रा की भाषा को असंसदीय बताते हुए इसे लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ बताया। इस मुद्दे को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है।
अमेरिका ने मीडिया की स्वतंत्रता पर दिया जोर
अमेरिका ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि हमारी सरकार स्वतंत्र संगठनों को समर्थन देती है, लेकिन उनके संपादकीय निर्णयों में कोई दखल नहीं देती। प्रवक्ता ने कहा कि लोकतंत्र में स्वतंत्र प्रेस का होना बेहद जरूरी है, ताकि जनता को सही और तथ्यात्मक जानकारी मिल सके।