PM Modi Olaf Scholz Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के बीच शुक्रवार को हाईलेवल मीटिंग हुई। इस बैठक में दोनों नेताओं ने यूक्रेन और वेस्ट एशिया के मौजूदा संघर्षों पर चिंता व्यक्त की गई। पीएम मोदी ने बैठक के दौरान कहा कि भारत ने हमेशा यह माना है कि समस्याओं का समाधान युद्ध के माध्यम से नहीं हो सकता है। उन्होंने जर्मन चांसलर से कहा कि भारत विश्व शांति की दिशा में हर संभव योगदान देने के लिए तैयार है।
भारत-जर्मनी संबंधों में रक्षा सहयोग का होगा विस्तार
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और जर्मनी के बीच बढ़ते रक्षा और सुरक्षा सहयोग पर भी चर्चा की। इस संदर्भ में दोनों देशों के बीच गोपनीय जानकारी के आदान-प्रदान पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। पीएम मोदी ने इसे आपसी विश्वास का प्रतीक बताया और कहा कि यह समझौता आतंकवाद और अलगाववादी तत्वों से निपटने के लिए दोनों देशों की संयुक्त प्रयासों को मजबूत करेगा।
#WATCH | Delhi: After meeting with German Chancellor Olaf Scholz, PM Narendra Modi says, "We both agree to freedom of navigation in the Indo-Pacific region under international laws. We both agree to the fact that global forums established in the 20th century aren't able to face… pic.twitter.com/mXj6IXcT48
— ANI (@ANI) October 25, 2024
वैश्विक विवादों पर शोल्ज ने रखी बात
बैठक से पहले, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने दिल्ली में आयोजित एशिया-पैसिफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस 2024 में अपने संबोधन के दौरान कहा कि वर्तमान बहुपक्षीय विश्व में कोई भी अकेला देश वैश्विक सुरक्षा का रक्षक नहीं बन सकता। उन्होंने यूक्रेन युद्ध का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि रूस इस अवैध संघर्ष में सफल होता है तो इसका प्रभाव पूरे विश्व की सुरक्षा पर पड़ सकता है। शोल्ज़ ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार राजनीतिक समाधान की अपील की।
भारत और रूस के बीच यूक्रेन विवाद पर बातचीत
इसके पहले, ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर यूक्रेन युद्ध पर चर्चा की थी। पीएम मोदी ने शांति स्थापना के प्रति भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि यह जरूरी है कि विवाद का समाधान मानवीय दृष्टिकोण के साथ हो। उन्होंने कहा कि भारत इस प्रक्रिया में किसी भी तरह का सहयोग देने के लिए तैयार है।
आर्थिक साझेदारी में भारत की भूमिका पर जोर
जर्मन चांसलर शोल्ज का दौरा भारत के विशाल बाजार में अवसरों को देखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम है। जर्मनी, अपनी अर्थव्यवस्था को चीन पर निर्भरता से मुक्त करने के प्रयास में भारत के साथ मजबूत आर्थिक संबंध स्थापित करना चाहता है। पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच व्यापारिक और निवेश अवसरों पर बल देते हुए कहा कि यह साझेदारी दोनों देशों के हित में है।
शांति कायम करने की भारत ने की है पहल
भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति और स्थिरता की दिशा में अपनी भूमिका को लगातार मजबूत किया है। यूक्रेन और वेस्ट एशिया के संघर्षों के बीच पीएम मोदी का यह संदेश साफ है कि भारत युद्ध का समर्थन नहीं करता। शांति और समृद्धि के पक्ष में खड़ा रहकर भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अपनी सशक्त छवि प्रस्तुत कर रहा है।