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Giant Hole on Sun: खगोलशास्त्रियों को सूरज में विशालकाय होल नजर आया है जो एक साथ 60 पृथ्वी को अपने अंदर समाने की क्षमता रखता है।

Giant Hole On Sun: दुनियाभर के वैज्ञानिक सूरज पर लगातार स्टडीज़ कर रहे हैं। हाल ही में भारत ने भी सूरज की गतिविधियों के बारे में अधिक जानकारी जुटाने के लिए आदित्य वन मिशन को लांच किया है। इस बीच खगोलशास्त्रियों को सूरज की सतह पर एक विशालकाय छेद होने की जानकारी मिली है। इस कोरोनल होल की मॉनिटरिंग अब वैज्ञानिक काफी बारीकी से कर रहे हैं। 

एक दिन में ही पीक पर पहुंची चौड़ाई

सूरज की सतह पर हुआ ये सुराख कितना विशालकाय है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें एकसाथ 60 धरती फिट हो सकती हैं। इस सुराख से निकलने वाली सौर हवाएं हाई वेलोसिटी के साथ धरती की तरफ बह रही हैं। 2 दिसंबर को सूरज के इक्वेटर पर यह सुराख उभरा था। इसके बाद अब तक 4 लाख 97 हजार मील की चौड़ाई तक फैल चुका है। 

कोरोनल होल अपनी पीक चौड़ाई पर एक दिन में ही पहुंच गया है। यह होल 4 दिसंबर से धरती के ठीक सामने नजर आ रहा है। बता दें कि सूरज की सतह पर बनने वाले इस तरह के सुराख कोई नई बात नहीं है, लेकिन इसकी चौड़ाई और बनने की टाइमिंग ने वैज्ञानिकों की ओर इसका ध्यान खींचा है। ये होल इस वजह से भी चर्चा का विषय बना है क्योंकि सूरज 11 साल की अपनी एक्टिविटी साइकिल के पीक पर है। 

स्पेसवेटर डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक राहत की बात है कि सौर हवाओं की तीव्रता आंकलन से कम पायी गई है, जिसके चलते कमजोर जी1 जियोमैग्नेटिक तूफान ही पैदा हुआ है। 

धरती के लिए कितना खतरनाक

सूरज की सतह पर लगातार एक्टिविटीज होती रहती हैं, जिससे सनस्पॉट उभरते रहते हैं और इससे कोरोनल होल बनते हैं। सूरज की मैग्नेटिक फील्ड की वजह से इस तरह की घटनाएं सतह पर होती हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक वर्तमान में सूरज की सतह पर जो विशालकाय सुराख बना है उसे लेकर धरतीवासियों को ज्यादा खतरा नहीं है। दरअसल, सुराख वाली सतह धरती की डायरेक्शन से विपरीत दिशा में घूम रही है। 
 

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