AMT Cars: भारत में ऑटोमैटिक गियरबॉक्स वाली कारों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, खासकर AMT (ऑटोमेटेड मैन्युअल ट्रांसमिशन) को लोग खूब पसंद कर रहे हैं। ये कारें न केवल बेहतर माइलेज देती हैं बल्कि कीमत भी ज्यादा नहीं होती। ट्रैफिक और हाईवे ड्राइविंग में ऑटोमैटिक कारें एक आरामदायक अनुभव प्रदान करती हैं, लेकिन इसके कुछ नकारात्मक पहलू भी हैं। आइए जानते हैं ऑटोमैटिक कारों के फायदे और नुकसान...
ऑटोमैटिक कारों के फायदे
1) आसान ड्राइविंग: ऑटोमैटिक कारों में गियर बदलने की जरूरत नहीं होती, जिससे ड्राइविंग सरल और आरामदायक हो जाती है।
2) बेहतर हाईवे एक्सपीरियंस: हाईवे पर गियर स्पीड के अनुसार ऑटोमैटिक रूप से बदलते हैं, जिससे ड्राइवर को अतिरिक्त प्रयास नहीं करना पड़ता।
3) भीड़भाड़ और खराब सड़कों पर आसान संचालन: संकरी गलियों और खराब सड़कों पर ऑटोमैटिक कारें ज्यादा सुविधाजनक होती हैं।
4) नए ड्राइवर्स के लिए बेहतरीन विकल्प: पहली बार गाड़ी चलाने वालों के लिए ऑटोमैटिक कारें मैन्युअल के मुकाबले आसान होती हैं, क्योंकि इसमें क्लच और गियर बदलने का झंझट नहीं होता।
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ऑटोमैटिक कारों के नुकसान
1) गियर बदलने में लगता है समय: मैन्युअल और AMT गियरबॉक्स की तुलना में ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन गियर बदलने में थोड़ा वक्त लेता है, जिससे शिफ्टिंग महसूस होती है।
2) मेंटेनेंस और सर्विस कॉस्ट ज्यादा: ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन की देखभाल मैन्युअल के मुकाबले महंगी होती है और सर्विसिंग का खर्च भी अधिक आता है।
3) फ्यूल की ज्यादा खपत: ट्रैफिक में मैन्युअल कारों के मुकाबले ऑटोमैटिक कारें अधिक ईंधन खर्च करती हैं। भारी ट्रैफिक में गियर कम स्पीड पर ही रहता है, जिससे इंजन को उचित गति नहीं मिलती और अधिक फ्यूल खर्च होता है।
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ऑटोमैटिक कारें ड्राइविंग को आसान और आरामदायक बनाती हैं, लेकिन मेंटेनेंस और फ्यूल खपत के मामले में थोड़ी महंगी साबित हो सकती हैं। अगर आप भीड़भाड़ वाले शहरों में ज्यादा ड्राइव करते हैं और आरामदायक ड्राइविंग चाहते हैं, तो ऑटोमैटिक कार एक बढ़िया विकल्प हो सकती है। हालांकि, यदि कम मेंटेनेंस और बेहतर माइलेज आपकी प्राथमिकता है, तो मैन्युअल गियरबॉक्स बेहतर रहेगा।
(मंजू कुमारी)