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GST Council Meeting: शनिवार(21 दिसंबर को) जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक जैसेलमेर में  वित्त मंची निर्मला सीतारमण की अगुवाई में हुई। बैठक में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर टैक्स में राहत का फैसला टल गया। जानें क्या हुई चर्चा

GST Council Meeting: आज शनिवार(21 दिसंबर को) जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक जैसेलमेर में  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में हुई। बैठक में  हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर टैक्स घटाने को लेकर चर्चा हुई। हालांकि, इस फैसले को फिलहाल टाल दिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में यह तय हुआ कि इस मुद्दे पर और तकनीकी पहलुओं को सुलझाने की जरूरत है। इस काम के लिए एक समूह (जीओएम) को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो जनवरी में बैठक करेगा।  

5 लाख तक की पॉलिसी पर छूट का प्रस्ताव
बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया कि 5 लाख रुपए तक की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर जीएसटी छूट दी जाए। सीनियर सिटीजन द्वारा दी जाने वाली प्रीमियम पर भी छूट का सुझाव दिया गया है। हालांकि, 5 लाख रुपए से अधिक के हेल्थ इंश्योरेंस पर 18% जीएसटी जारी रहेगा। यह निर्णय बीमा कंपनियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।  

सम्राट चौधरी बोले- आगे होगी और चर्चा
बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने बताया कि समूह इंश्योरेंस, व्यक्तिगत पॉलिसी और सीनियर सिटीजन की पॉलिसियों पर टैक्स घटाने के फैसले के लिए और चर्चा की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "जीओएम अगले महीने फिर बैठक करेगा और तब तक इन मुद्दों पर गहन चर्चा की जाएगी।"  

नवंबर में जताई गई थी कुछ प्रस्तावों पर सहमति  
जीएसटी काउंसिल ने पहले ही कुछ प्रस्तावों पर सहमति जताई थी। नवंबर में हुई बैठक में टर्म प्लान और सीनियर सिटीजन द्वारा दिए गए प्रीमियम पर टैक्स छूट देने की बात कही गई थी। इस बार की बैठक में भी इन प्रस्तावों पर चर्चा हुई, लेकिन अंतिम निर्णय जनवरी में होने की संभावना है।  

शेयर बाजार पर असर की संभावना
जीएसटी काउंसिल के फैसलों का असर सोमवार को शेयर बाजार पर दिख सकता है। हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों जैसे पॉलिसीबाजार, गो डिजिट और निवा बूपा के स्टॉक्स पर खास प्रभाव पड़ सकता है। बाजार की नजर इस बात पर होगी कि काउंसिल के फैसले से बीमा क्षेत्र में क्या बदलाव आता है।  

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एविएशन और पानी पर विचार  
 जीएसटी काउंसिल के सामने एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) को जीएसटी के दायरे में लाने का भी सुझाव दिया गया है, जिससे एविएशन इंडस्ट्री की लागत में कमी आएगी। 20 लीटर से अधिक के पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर पर टैक्स को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इससे आम जनता को राहत मिलेगी और छोटे व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा। 

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