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Paytm Payment Bank में सोमवार को बड़ा फेरबदल हुआ। विजय शेखर शर्मा ने PPB के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया। साथ ही उन्होंने बोर्ड की सदस्यता भी छोड़ दी है। कुछ दिनों पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेेंट बैंक के खिलाफ एक्शन लिया था।

Paytm Payment Bank: विजय शेखर शर्मा (Vijay Sekhar Sharma resigns) ने सोमवार को पेटीएम पेमेंट बैंक के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही बैंक के बोर्ड मेम्बर की सदस्यता भी छोड़ दी है। कंपनी की ओर से एक प्रेस रिलीज जारी कर इसकी जानकारी दी गई है। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ नियमों का पालन नहीं करने के कारण एक्शन लिया है। इसकी वजह से हाल के दिनों में बैंक में कई फेरबदल किए गए हैं। 

बैंक ने किया नए बोर्ड का गठन
कंपनी के मुताबिक विजय शेखर शर्मा ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) के पार्ट टाइम नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन पद छोड़ने का फैसला किया है। साथ ही वह अब PPBL के बोर्ड का हिस्सा भी नहीं होंगे। इसके साथ ही बैंक के नए बोर्ड का गठन भी कर दिया गया। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन श्रीनिवासन श्रीधर, बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अशोक कुमार गर्ग और दो रिटायर्ड  IAS अफसरों देबेंद्रनाथ सारंगी और रजनी सेखरी सिब्बल को बोर्ड में शामिल किया गया है। 

PPBL पर RBI ने लगाई है पाबंदियां
बता देंं कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर रिजर्व बैंक ने कई पाबंदियां लगाई हैं। रिजर्व बैंक ने कहा कि अगर  पेटीएम की यूपीआई सर्विस पेटीएम की बैंक से ही लिंक्ड है तो इसका इस्तेमाल 15 मार्च के बाद नहीं किया जा सकेगा। मर्चेंट और पेटीएम यूपीआई यूजर्स से कहा गया है कि वह अगर अपनी UPI सर्विसेज को जारी रखना चाहते हैं तो इसे किसी दूसरे बैंक के साथ लिंक करें। उधर, पेटीएम पेमेंट बैंक भी दूसरे बैंकों से इसको लेकर बातचीत कर रहा है, जिससे वह अपने कस्टमर को पहले जैसी ही सुविधाएं  दे सके। 

ईडी कर रही है पेटीएम पेमेंट्स बैंक की जांच
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ जांच शुरू कर चुकी है। पेटीएम पर सैंकड़ों करोड़ रुपए के लेन-देन में गड़बड़ी करने का आरोप है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक (PPBL) के पास ऐसे लाखों खाते मिले हैं जिनमें खाताधारकों की पूरी जानकारी नहीं थी। इन खातों का नो योर कस्टमर (KYC) सही ढंग से नहीं किया गया था। पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर एक PAN (परमानेंट अकाउंट नंबर) से कई खाते खोलने की बात भी सामने आई है। इन खातों से करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ था।

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