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Acharya Satyendra Das Death: अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का बुधवार(12 फरवरी) को निधन हो गया। 80 साल की उम्र में आचार्य सत्येंद्र ने लखनऊ PGI में अंतिम सांस ली। आचार्य का पार्थिव शरीर अयोध्या लाया जाएगा।

Acharya Satyendra Das Death: उत्तर प्रदेश के अयोध्या से दुखद खबर है। श्री राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का 80 साल की उम्र में निधन हो गया। बुधवार (12 फरवरी) सुबह 7 बजे लखनऊ PGI में सत्येंद्र दास ने आखिरी सांस ली। 3 फरवरी को ब्रेन हैमरेज के बाद रामदास को अयोध्या से लखनऊ रेफर किया था। बुधवार सुबह 7 बजे अस्पताल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सत्येंद्र दास के निधन की जानकारी दी। आचार्य सत्येंद्र दास का पार्थिव शरीर अयोध्या लाया जाएगा। उनके आश्रम सत्य धाम गोपाल मंदिर में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।

अमित शाह ने जताया शोक 
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने X पर लिखा है कि राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी का निधन संत समाज और श्रद्धालुओं के लिए अपूरणीय क्षति है। राम भक्तों के बीच श्रद्धा और आस्था के प्रतीक रहे आचार्य जी का जीवन प्रभु की सेवा और भक्तों के मार्गदर्शन में सदैव समर्पित रहा। श्री राम जन्मभूमि आंदोलन में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई। प्रभु श्री राम पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिजनों और अनुयायियों को संबल प्रदान करें।

आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति 
आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है। सीएम योगी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि परम रामभक्त, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य श्री सत्येन्द्र कुमार दास जी महाराज का निधन अत्यंत दुःखद एवं सामाजिक व आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति हैं। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे।  

1945 में हुआ था जन्म
सत्येंद्र दास का जन्म संतकबीरनगर जिले में 20 मई 1945 में हुआ था। सत्येंद्र दास बचपन से ही भक्ति भाव में रहते थे। सत्येंद्र दास ने 1958 में घर छोड़ दिया। सत्येंद्र दास ने जब अपने पिता को संन्यास लेने का फैसला सुनाया तो उनके पिता ने भी कोई आश्चर्य जाहिर नहीं किया। साथ ही उन्होंने आशीर्वाद दिया। कहा कि मेरा एक बेटा घर संभालेगा और दूसरा रामलला की सेवा करेगा।

1958 में आए थे अयोध्या
1958 में अयोध्या आए। यहीं पढ़ाई की। 1975 में संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्री ली। 1976 में संस्कृत डिग्री कॉलेज में असिस्टेंट टीचर की नौकरी मिली। 1 मार्च 1992 को राम मंदिर के मुख्य पुजारी के तौर पर नियुक्त हुए थे। तब उन्हें वेतन के रुपए में हर महीने 100 रुपए मिलते थे। 2019 में अयोध्या के कमिश्नर के निर्देश के बाद उनका वेतन 13 हजार कर दिया था। 

ऐसे बने थे राम मंदिर के मुख्य पुजारी 
1992 में राम मंदिर के पुजारी लालदास थे। उस समय रिसीवर की जिम्मेदारी रिटायर जज पर हुआ करती थी। उस समय जज जेपी सिंह बतौर रिसीवर नियुक्त हुए थे। फरवरी 1992 में जेपी सिंह का निधन हो गया तो राम जन्मभूमि की व्यवस्था का जिम्मा जिला प्रशासन को दिया गया। तब पुजारी लालदास को हटाने की बात हुई। 1 मार्च 1992 को सत्येंद्र दास की नियुक्ति हो गई। 

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