Karnataka Hijab row Updates: कर्नाटक में हिजाब प्रतिबंध को लेकर बयानबाजी तेज है। इस बीच सोमवार को राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा है कि सरकार इस मामले को गहराई से देखेगी। इसके बाद प्रतिबंध हटाने पर फैसला करेगी। जी परमेश्वर ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, 'हमने स्कूलों-कॉलेजों में हिजाब पर लगे प्रतिबंध को लेकर कोई आदेश नहीं दिया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने खुद कहा है कि अगर ऐसा किया भी गया तो हम इसकी जांच करेंगे। सरकार इस पर गहराई से विचार करने के बाद फैसला लेगी।'
Mangaluru | On Hijab row in Karnataka, state Home Minister Dr G Parameshwara says, "Basavaraj Bommai (former CM) clarified that they have not made any order (regarding hijab). CM Siddaramaiah himself said that even if it is done, we will check it. The government will make… pic.twitter.com/FMD7lGDZLm
— ANI (@ANI) December 25, 2023
सीएम सिद्धारमैया के बयान से उपजा राजनीतिक विवाद
दरअसल, कर्नाटक में हिजाब विवाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के एक बयान से उठा। सिद्धारमैया ने बीते दिनों कहा कि उनकी सरकार राज्य में स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने वाले आदेश को वापस ले लेगी। सीएम ने यह बयान शुक्रवार, 22 दिसंबर को एक सभा के दौरान दिए।
मुख्यमंत्री सीएम सिद्धारमैया ने कहा, 'खाना और कपड़ों का चयन करना किसी का अपना विशेषाधिकार है। मैंने हिजाब प्रतिबंध को वापस लेने का निर्देश दिया है। पीएम मोदी का सब का साथ, सबका विकास फर्जी है। भाजपा लोगों और समाज को कपड़े, पहनावे और जाति के आधार पर बांट रही है।'
बोम्मई समेत कई भाजपा नेताओं ने कांग्रेस को घेरा
सिद्धारमैया के बयान के बाद कर्नाटक भाजपा के नेताओं में उबाल आ गया। एक साथ कई नेताओं ने मिलकर कर्नाटक सरकार को निशाने पर लिया।
पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि सिद्धारमैया पर अपनी सरकार की विफलताओं को छिपाने के साथ-साथ केवल राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे को उठा रहे हैं। पूरे प्रदेश में हिजाब पर बैन नहीं है। जहां-जहां ड्रेस कोड लागू है, वहां हिजाब पहनने की परमीशन नहीं है। मुस्लिम महिलाएं हर जगह हिजाब पहन सकती हैं। जब पूर्ववर्ती सरकार ने हिजाब पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया तो उसे हटाने का सवाल कहां से खड़ा हो गया।
पहली बार कब उठा था हिजाब विवाद?
फरवरी 2022 में कर्नाटक के उडुपी जिले के एक सरकारी कॉलेज ने क्लास के अंदर हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया, और कई अन्य संस्थानों ने भी इसका पालन किया। बाद में, तत्कालीन बसवराज बोम्मई सरकार ने कॉलेज कैंपस के अंदर हिजाब पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया। जिसमें कहा गया कि किसी भी कपड़े जो समानता, अखंडता और सार्वजनिक कानून व्यवस्था को परेशान करेगा, को अनुमति नहीं दी जाएगी।