UCC Bill passed in Uttarakhand Assembly: उत्तराखंड विधानसभा में बुधवार को यूनिफाॅर्म सिविल कोड (UCC) बुधवार को लागू कर दिया गया। इसके साथ ही उत्तराखंड समान नागरिक संहिता से जुड़ा विधेयक करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। भाजपा के सभी विधायकों ने ध्वनी मत से विधेयक को पारित कर दिया। उत्तराखंड विधानसभार के करीब 80 प्रतिशत सदस्यों ने यूसीसी विधेयक को अपना समर्थन दिया।
विधायकों ने लगाए जय श्री राम के नारे
उत्तराखंड विधानसभा में यूसीसी विधेयक पारित होते ही विधायकों ने जय श्रीराम के नारे लगाए। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज का यह ऐतिहासिक क्षण न सिर्फ उत्तराखंड के लिए बल्कि पूरे उत्तरखंड के लोगों के लिए गर्व की बात है। 12 फरवरी 2022 को जो संकल्प लिया गया था, आज वह पूरा हुआ।
#WATCH | Dehradun: Uttarakhand Assembly MLAs celebrate and share sweets as the Uniform Civil Code 2024 Bill, introduced by Chief Minister Pushkar Singh Dhami-led state government was passed in the House today. pic.twitter.com/eDq6cZbf4H
— ANI (@ANI) February 7, 2024
अंग्रेजों की नीति वजह से देश में समान कानून लागू नहीं हुआ
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मैं सदन में यह बताना चाहता हूं कि आखिर समान नागरिक संहिता क्या है। इससे क्या होने वाला है। आजादी से पहले हमारे देश में शासन व्यवस्था की नीति फूट डालो और राज करो की रही। इस नीति को अपनाकर उन्होंने कभी भी सबके लिए एक समान कानून नहीं बनने दिया।
#WATCH | Dehradun: In the Uttarakhand Assembly, CM Pushkar Singh Dhami speaks on UCC, "... After the independence, the makers of the Constitution gave the right under Article 44 that the states can also introduce the UCC at appropriate time... People have doubts regarding this.… pic.twitter.com/KDfLUdtBbG
— ANI (@ANI) February 7, 2024
अंग्रेजों का मकसद देश की समरसता को छिन्न-भिन्न करना था
अंग्रेजों ने हमेशा देश में समान कानून लाने की कोशिशों को रोका। लोगों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को लेकर अंग्रेजों का रवैया हमेशा कुटिलतापूर्ण रहा, क्योंकि उनका मकसद देश के सभी लोगों को लड़ाना था। अंग्रेजों ने देश की सामाजिक समरसता को छिन्न-भिन्न करने की कोशिश की गई।
संविधान में पहले से था यूसीसी का प्रावधान
समान नागरिक संहिता को लागू की कई कोशिशें हुईं। संविधान निर्मार्ताओं ने सदियों से चली आ रही असमानता का दंश झेल रहे भारत को इससे बाहर निकालने के लिए कई बार यूसीसी को लेकर बात की। उनके एजेंडे में भी यह शामिल थी। यही वजह रही कि संविधान की नीति निर्देश और सिद्धांतों के अनुच्छेद में भी इस बात का उल्लेख किया गया है कि केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार भी समान नागरिक संहिता का कानून बना सकती है। इसका प्रावधान संविधान में मौजूद है।
बहुत पहले लागू हो जाना चाहिए था यूसीसी
पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मौजूदा समय में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को बहुत याद किया जाता है। हम उनका सम्मान करते हैं। सरकारी दफ्तरों में बाबा साहेब की तस्वीरें लगाई जाती हैं। हालांकि, आज कुछ लोग सिर्फ ऐसा तुष्टिकरण के लिए करते हैं। जिस कानून को बहुत पहले लागू कर दिया जाना चाहिए था, उसके अब लागू किया जा रहा है।
The Uniform Civil Code Uttarakhand 2024 Bill, introduced by Chief Minister Pushkar Singh Dhami-led state government, passed in the House.
— ANI (@ANI) February 7, 2024
After passing the UCC Bill in the Assembly, Uttarakhand has become the first state in the country to implement the Uniform Civil Code. pic.twitter.com/7KGYYm3XLJ
मंगलवार को विधानसभा में पेश हुआ था यूसीसी बिल
पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने मंगलवार को विधेयक को विधानसभा में पेश किया था। सरकार की ओर से विधानसभा में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code Bill) पेश करने के बाद कांग्रेस ने इसका विरोध किया था। कांग्रेस ने सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया था।कांग्रेस ने इस बिल का विरोध किया है। विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया है।