महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का पूवर्ती गांव खूंखार नक्सली हिड़मा सहित कई बड़े नक्सलियों का पैतृक गांव है। लाल आतंक के साये में रहे इस गांव में आजादी के 76 साल बाद भी मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच सकी। अब धीरे-धीरे फोर्स ने इस गांव में कैंप खोल कर इसे अपने कब्जे में ले लिया है। फोर्स के पहुंचने से गांव में दहशत कम हो गई है। इस गांव के आसपास बीआरओ की ओर से सड़क निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है। अब बिजली कंपनी भी वहां तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
आजादी के इतने साल बाद भी पूवर्ती गांव के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहे लेकिन अब उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए काम किया जा रहा है। शासन के विभिन्न योजनाओं के तहत उन तक सुविधाएं पहुंचाने का प्रावधान किया है। इसी के तहत बस्तर के अंदरुनी गांवों तक बिजली पहुंचाने का काम शुरू किया जा रहा है। धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र उसूर, कोंटा ब्लॉक के ग्राम बेदरे, मंकीमारका, साकलोड, पूवर्ती, मुतवेंडी, कुरूस, कांवड़गांव, धरमावरम आदि गांवों तक बिजली पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया है।
ठेकेदार को दिए निर्देश
हाल ही में बीजापुर जिले के ग्राम कोंडापल्ली में नियद नेल्लानार योजना के तहत संचालित बिजली लाइन बिछाने के काम का निरीक्षण किया गया। बिजली कंपनी जगदलपुर क्षेत्र के कार्यपालक निदेशक एसके ठाकुर, अधीक्षण नवीन पोयाम और बीजापुर के कार्यपालन अभियंता उर्वशा निरीक्षण के लिए पहुंचे। उन्होंने ठेकेदार को जल्द से जल्द यह काम करने का निर्देश दिया।