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बस्तर के चित्रकोट महोत्सव में कलाकारों रंगारंग प्रस्तुति दी। स्थानीय कलाकारों के साथ बाहर से आये कलाकारों ने एक से एक बढ़िया नृत्य गीतों से समा बांध दिया। इसे देखने के लिए दूर- दूर से लोग पहुंचे।

जीवानंद हलधर- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में कभी नक्सलवाद की दंश झेल चुका बस्तर अब पर्यटन के नक्शे के शामिल हो चुका है। बस्तर का चित्रकोट जलप्रपात देश दुनिया मे अपनी पहचान बना है और अब अपना महोत्सव मना रहा है। वर्ष 2010 में चित्रकोट के नजदीक बने पुलिस चौकी को नक्सलियों ने बारूद लगा कर उड़ा दिया था। लेकिन उसके बाद से यहां की तस्वीर बदलने लगी है। 

शासन- प्रशासन के अथक प्रयास से 2011 के बाद से हर साल चित्रकोट महोत्सव मनाया जा रहा है। इस बार भी दो दिवसीय चित्रकोट महोत्सव में रंगारंग कार्यक्रम देने छतीसगढ़ और बॉलीवुड से आये कलाकार अपनी मनमोहक प्रस्तुति दे रहे हैं। देर रात तक चले महोत्सव में स्थानीय कलाकारों के साथ बाहर से आये कलाकारों ने एक से एक बढ़िया नृत्य गीतों से समा बांध दिया। वहीं चित्रकोट जलप्रपात के नजदीक हो रहे कार्यक्रम को देखने आसपास और दूर दराज से ग्रामीण पहुंचे। 

कलाकारों ने दी मनमोहक प्रस्तुति 

प्रशासन द्वारा आयोजित चित्रकोट महोत्सव में खेलों के साथ- साथ पर्यटक मोटर राइड का भी मजा लेते हुये नजर आए। यहां के प्रशासनिक अफसरों का मानना हैं कि, अब बस्तर बदल गया है। अब यह गोली और बारूद के धमाकों से नहीं, बल्कि लोक कलाकारों के गीतों से झूम रहा है। बस्तर के इस मनमोहक दृश्य को  देखने और निहारने के लिए हर राज्यों से पर्यटक बस्तर पहुंच रहे है।

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