अनिल सामंत- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में मुमुक्षु अरिहंत के दीक्षा पूर्व शहर में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। जहां रथ में सवार अरिहंत हाथ जोड़कर शहरवासियों का अभिवादन किया। इस मौके पर सामाजिक संगठनों और चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों ने स्वागत किया। सावर्जनिक दिनचर्या को परित्याग कर, माया, मोह से दूर महज 23 साल के किशोर आयु में वैराग्य करने का निर्णय लेने वाले मुमुक्षु शनिवार को दूल्हे के भेष में रथ में सवार होकर नगर भृमण के निकले। उन्हें देखकर समूचा शहर उनके दर्शन के लिए उमड़ पड़ा।
मुमुक्षु अरिहंत शहरवासियों का किया अभिवादन
मुमुक्षु अरिहंत भी शहरवासियों के स्वागत को स्वीकार करते पूरे रास्ते भर दोनों हाथ जोड़कर अभिवादन किया। मुमुक्षु अरिहंत के दीक्षा के पूर्व सुबह भव्य शोभा यात्रा का आयोजन श्वेतांबर जैन समाज और मंदिर ट्रस्ट ने किया। सुबह 10 बजे धर्मनाथ जिनालय प्रारंभ हुई शोभा यात्रा मेन रोड, पैलेस रोड से महारानी अस्पताल रोड से होते हुए स्टेट बैंक रोड से वापस धर्मनाथ जिनालय पहुंची।
समाज के लोगों ने किया भव्य स्वागत
शोभायात्रा के दौरान अनेक जगहों पर शहर के विभिन्न समाज प्रमुखों विशेषकर वाम योग समिति, अग्रवाल समाज, बाबा रामदेव समिति, माहेश्वरी समाज, चैंबर ऑफ कॉमर्स, मेन रोड व्यापारी संघ, खत्री समाज, गुजराती समाज, पंजाब सनातन समाज, दिगंबर जैन समाज, रोटरी क्लब ने शोभा यात्रा का स्वागत किया।मुमुक्षु भाई अरिहंत का अक्षत कुमकुम और नारियल से अभिनंदन किया। वहीं व्यक्तिगत और अनेक परिवारों ने भी अरिहंत का शानदार स्वागत किया और अपनी शुभकामनाएं दी। शोभा यात्रा में मुमुक्षु भाई अरिहंत को भव्य बग्गी में सवार थे।
बच्चों ने निकाली मनोहर झांकी
जैन समाज के अनेक संगठनों ने बच्चों के विभिन्न रूप बनाकर झांकी के रूप में प्रदर्शित किया। सभी झांकियां संयमित जीवन यात्रा का जीवंत स्वरूप प्रस्तुत कर रही थी, जैन समाज के अतिरिक्त अनेक धर्म और जाती से जुड़े लोग भी शोभायात्रा में शामिल हुए। शोभा यात्रा के बाद स्वामीवत्सल्य का आयोजन जैन समाज ने किया जिसे सभी धर्मप्रेमियों ने ग्रहण कर विदा ली, इस अवसर पर मुमुक्षु भाई अरिहंत ने हाथ जोड़कर सभी को प्रभावना भी दी। कार्यक्रम में जैन समाज के पूर्व अध्यक्ष पुखराज बोथरा, राजकुमार लोढ़ा, रमेश जैन, मनोहर लूनिया के साथ आर बी एस राणा, एमए रहीम सहित बुआ कल्पना, कांति, बिट्टू के साथ माता संगीता, भाई दिनकर और बहन ने भी अपने विचार और परिवारिक और संयम मार्ग की तरफ बढ़ने की पृष्ठ भूमि बताई। इसी दौरान भगति भाव और संयम यात्रा से जुड़े गीतों की शानदार प्रस्तुति पारख परिवार की दोईती और रमेश जैन की बिटिया आराधना ने की।
मुमुक्षु अरिहंत का अभिनदंन समारोह
मुमुक्षु भाई अरिहंत के दीक्षा पूर्व आयोजित कार्यक्रम के तीसरे दिन रात्रि आठ बजे अभिनंदन समारोह ओसवाल जैन श्वेतांबर समाज और मंदिर ट्रस्ट के बैनर तले संपन्न हुआ। अभिनंदन कार्यक्रम की शुरुआत दादा गुरुदेव की तस्वीर के सामने दीप प्रज्लवन,मंगलाचरण और स्वागत गीत के साथ शुरू हुआ। उपस्थित लोगों के लिए स्वागत उद्बोधन जैन समाज के अध्यक्ष भंवर बोथरा ने देते हुए कहा कि अरिहंत की दीक्षा जैन समाज के लिए गौरव बढ़ाने वाली है, अरिहंत ने अपनी मनचाही खुशी हासिल करने के लिए असीमित धैर्य, अशेष क्षमा, अद्भुत संयम, स्थिर शैय्या और ज्ञानामृत भोजन जैसे विकल्पों का अपने जीवन में अपने को संत के लिए योग्य बनाया। अब आगामी 26 जनवरी को रायपुर की कैवल्य धाम में महेंद्र सागर जी मनीष सागर जी और पीयूष सागर जी महाराज साहब के सानिध्य में दीक्षा ग्रहण करेंगे, हम सभी आज इसकी अनुमोदन करें भावी सफल संयमी जीवन की कामना करें।
जैन समाज तेरापंथ समेत अन्य समाज ने किया अभिन्दन
सबसे पहले अरिहंत के परिवार जनों का अभिनंदन जैन समाज की नई कार्यकारणी ने किया। वहीं मुमुक्षु अरिहंत का अभिनंदन जैन समाज के पदाधिकारियों ने किया फिर जैन समाज के तेरापंथ, साधुमार्गी, सुधर्म और मंदिर ट्रस्ट संप्रदाय के साथ साथ बस्तर चैंबर ऑफ कॉमर्स, पंजाब सनातन सभा, रोटरी क्लब, माहेश्वरी समाज, गुजराती समाज,दिगंबर जैन समाज, अग्रवाल समाज,खत्री समाज, बाबा रामदेव समिति,जैन सोशल वेलफेयर एसोसिएशन, जैनीजम ग्रुप,श्री जैन कुशल संगठन श्री वाम योग समिति, जैन समाज के विभिन्न महिला संगठनों ने भी साल, श्रीफल, माला और अभिनंदन पत्र देकर अभिनंदन किया।
मुमुक्षु अरिहंत ने किया मंगलपाठ
कार्यक्रम का समापन मुमुक्षु अरिहंत ने मंगल पाठ देकर किया। वहीं इससे पहले किशोर पारख ने उपस्थित सभी लोगों और समाजों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों के प्रति आभार जताया, कार्यक्रम का शानदार संचालन निर्मल बरडिया ने किया।