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कुरुद में आरक्षण की प्रक्रिया पूर्ण होते ही भाजपा-कांग्रेस से दावेदार चुनावी मैदान में कूद चुके है। सभी पार्टियों के दावेदार चुनाव प्रचार में जुट गए हैं और अपनी- अपनी तरफ लोगों का ध्यानआकर्षित में जुट गए हैं।

यशवंत गंजीर- कुरुद। छत्तीसगढ़ के नगरीय निकाय चुनाव के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूर्ण होते ही अब लोगों को आचार संहिता लगने का इंतजार है। जिसके मद्देनजर चुनावी माहौल बनने लगा है। चुनावी मैदान में कूदने वाले नेता अभी से जनसंपर्क में जुट गए है। वहीं वार्डों में लगातार चुनाव जीत कर पार्षद बनने वाले नेता पुनः पार्षद बनने के लिए किसी अनुकूल वार्ड की तलाश में जुटे दिखने लगे हैं। 

Claimants from both sides are competing
दोनों पक्षों के दावेदार ठोंक रहे ताल 

गौरतलब हो कि, हाईप्रोफाइल सीट होने के कारण कुरुद  नगर पंचायत में चुनाव लड़ना आम लोगों के बस की बात नही है। यहां जनबल के साथ धनबल से भी मजबूत व्यक्ति ही टक्कर देने चुनावी मैदान में उतरने की सोच सकते है। लेकिन अध्यक्ष पद इस बार अनारक्षित घोषित हुआ है, जिससे दावेदारों की फेहरिस्त के बीच दोनों प्रमुख दल कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर की उम्मीद है। इस बार का चुनाव सिर्फ उम्मीदवारों का नहीं, बल्कि उनके राजनीतिक नेतृत्व की प्रतिष्ठा का भी सवाल है। भाजपा का पूरा जोर विकास और स्थानीय मुद्दों पर रहेगा तो वहीं कांग्रेस अपने पांच साल के कार्यकाल में विकास कार्यों, जनसंपर्क और तीर्थ दर्शन को गिना अपना प्रभाव बनाए रखने की कोशिश करेंगे। यह चुनाव दोनों ही दलों के लिए केवल नगर पंचायत तक सीमित नहीं, बल्कि विधानसभा स्तर पर अपनी उपस्थिति को मजबूत करने का मौका भी है।

कांग्रेस से वर्तमान अध्यक्ष से लेकर पार्षद पत्नी भी हैं दावेदार

वर्तमान में अध्यक्ष कार्यकाल पूर्ण कर चुके तपन चंद्राकर कांग्रेस की ओर से सशक्त दावेदार माने जा रहे हैं। जिन्होंने कांग्रेस शासनकाल में यथासंभव कुरुद के विकास में ईंट जोड़ने प्रयास किया है। इतना ही नहीं बीते दो चुनाव लड़ चुके चंद्राकर नगर में अपनी व्यक्तिगत संबंधों के छाप छोड़ चुके हैं। वहीं कांग्रेस पार्टी से इस बार अध्यक्ष पद के लिए दावेदारों की फेहरिस्त तैयार है। जिसमें पूर्व ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष एवं कुरुद मंडी के पूर्व उपाध्यक्ष प्रमोद साहू, लगातार दो बार के पार्षद रजत चंद्राकर एवं देवव्रत साहू, कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के रमेश पांडे के अलावा व्यापारी प्रकोष्ठ के हितेंद्र केला (लक्खू) के अलावा यदि कांग्रेस से चेहरा बदलने की नौबत आई तो वर्तमान अध्यक्ष अपनी पार्षद पत्नी राखी चंद्राकर के लिए दावेदारी करने की बात कही है। इनके अलावा और भी कई लोग दावेदारी कर रहे है। उक्त सभी दावेदारों का एक ही कहना है कि पार्टी उन्हें अवसर देती है तो वे इस बार जो भी प्रतिद्वंद्वी होगा उसे वे कड़ी टक्कर देंगे।

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भाजपा से पूर्व नपं.अध्यक्ष से लेकर नेता प्रतिपक्ष भी हैं दावेदार

वहीं बात करे तो भाजपा से तो यहां भी दावेदारों के नामो की लिस्ट तैयार है। पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष ज्योति चंद्राकर, निरंजन सिन्हा, रविकांत चंद्राकर जिन्होंने वर्तमान विधायक एवं पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के मार्गदर्शन में  अपने कार्यकाल में नगर मे विकास के अनेक कार्य कराये है। जो सुविधाएं महानगरों में भी देखने को नही मिलती वे छोटे से कुरुद शहर में करा अपनी अमिट छाप छोड़े है। दावेदारों में वर्तमान नेता प्रतिपक्ष भानू चंद्राकर का नाम भी प्रमुखता से देखा जा रहा है जो कि विभिन्न संघ-संगठनों के माध्यम से नगर में अपना घरेलू संबंध स्थापित किया है। वहीं भाजपा से ही साहू समाज से ताल्लुक रखने वाले प्रदेश उपाध्यक्ष मालक राम साहू एवं मंडल अध्यक्ष कृष्णकांत साहू तथा व्यापारी प्रकोष्ठ के मोहन अग्रवाल को भी नगरवासी दावेदार के रूप में देख रहे है। इन सभी ने बताया कि वे अनुशासित पार्टी के कार्यकर्ता है । कार्यकर्ता यदि उन्हें अध्यक्ष पद के योग्य समझते है तो वे जरूर चुनावी मैदान में उतरेंगे या टिकट न भी मिली तो जो भी प्रत्याशी होगा उन्हें जिताने भरसक प्रयास करेंगे।

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