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विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन हुआ। क्ष्मी बघेल और पर्वतारोहण में देश का नाम रोशन करने वाली छात्रा नैना धाकड़ को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। 

अनिल सामंत- जगदलपुर। विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम का गुरूवार को समापन हुआ। इस अवसर पर संघर्ष कर आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता हासिल करने वाली ग्रामीण मातृत्व शक्ति लक्ष्मी बघेल और पर्वतारोहण में विवि और देश का नाम रौशन करने वाली छात्रा नैना धाकड़ को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। 

समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि, आज भारत और भारतीय समाज को आकार देने वाली मातृत्व शक्ति को नमन करने का दिन है। प्रो. श्रीवास्तव ने कहा कि आज भी दुनिया में जेंडर इक्वैलिटी एक चैलेंज है। व्हाइट कॉलर जॉब में महिलाएं अभी भी पीछे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार जिस गति से हम महिला समानता की दिशा में बढ़ रहे हैं उस गति से हमें महिला समानता के लिए पांच पीढ़ी इंतजार करना होगा। यानी 2155 में हम इस समानता के लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे। मुख्य वक्ता श्वेता राव चितपुरी ने कहा कि उद्यमिता(एंट्रप्रेन्योरशिप) एक प्रोसेस है, यह डेस्टिनेशन या सक्सेस नहीं है। एंट्रप्रेन्योरशिप के लिए युवाओं को दिमाग से स्ट्रॉंग रहना होगा। इसके लिए बिजनेज परिवार का होना जरूरी नहीं है। श्रीमती राव ने कहा कि केवल एक बिजनेस खड़ा कर लेना ही एंट्रप्रेन्योरशिप नहीं है। एम सामान्य प्रॉब्लम को सॉल्व करना भी एंट्रप्रेन्योरशिप कहलाता है।

श्रीमती राव ने कहा कि, उद्यमिता के दौरान अकेले के प्रॉफिट के लिए सबके लिए प्रॉब्लम नहीं खड़ी करनी चाहिए। आपको जो अच्छा लगता है, उस हॉबी और रूचि को ही आप आगे बढ़ाएं। सफलता जरूर मिलेगी। हम अपनी गलतियों से सीखने का प्रयास करें। व्यवसाय में आप गिरकर ऊपर उठ सकते हैं। जब आप व्यवसायिक जर्नी भी शुरूआत करते हैं तो आपको लक्ष्य तय कर लेना चाहिए। राव ने कहा कि नर्चरिंग वुमैन के नेचर में है पर दुनिया को संभालने वाली नारी खुद को संभालना भूल जाती है।

महिलाओं ने अपने को साबित किया

कुलसचिव डॉ. राजेश लालवानी ने कहा कि ये सृष्टि नारी और पुरूष के संयोजन से बना है। दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। महिलाओं को जब भी मौका मिला है उन्होंने अपने को साबित कर दिखाया है। इससे पहले अपने स्वागत उद्बोधन में डॉ. सुकृता तिर्की ने कहा कि यह दिवस महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता को समर्पित है। इस अवसर पर विवि में बस्तर विंग नाम की समिति का गठन करने का निर्णय लिया गया है जो लैंगिक समानता, रोजगार, नेतृत्व में समानता, अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाने का काम करेगी। कार्यक्रम में वरिष्ठ प्रो शरद नेमा ने विवि की सभी महिलाओं को महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उनके द्वारा किए गए तीन दिवसीय कार्यक्रम की सराहना की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. गायत्री सोनी ने किया। 

विजेता छात्राओं को किया गया पुरस्कृत

कार्यक्रम के अंत में तीन दिवसीय महिला दिवस कार्यक्रम में विजेता छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। जिसमें वाद-विवाद में हीना व नंदिता, समूह नृत्य में नेहा, मीना, दीपिका, धार, वीर, एकल नृत्य में चंद्रिका, ज्ञानेश्वरी, नुक्कड़ नाटक में भूमिका, हरितु, हेरिन, प्रीति, सोनाली, रिबक, विभा, नीलम, एकल गायन में श्वेता, खुशी, समूह गायन में राखी, फैंसी ड्रेस में आकांक्षा, सलाल सज्जा में गितेश्वरी, जागृति, निबंध में दीक्षा, स्नेहा, पोस्टर मेकिंग मे लुम्बिनी, ईशा, रंगोली में श्वेता व शैली पटेल को क्रमशः प्रथम व द्वितीय पुरस्कार दिया गया। आयोजन में डॉ. वीके सोनी, डॉ. सजीवन कुमार सहित अन्य उपस्थित थे।

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