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आप पार्षदों के भाजपा में जाने से नगर निगम में समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। वर्तमान में एमसीडी में 250 सीटें हैं, लेकिन 8 भाजपा और 3 आप पार्षदों के विधायक बनने के कारण 11 सीटें खाली हो चुकी हैं। आइए समझते हैं कैसे भाजपा को एमसीडी में मिल सकता है फायदा...

AAP councillors Joins BJP in Delhi MCD: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षदों के भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने का सिलसिला शुरू हो गया है। पहले बवाना से आप पार्षद रामचंद्र भाजपा में शामिल हुए थे और अब शनिवार को तीन और पार्षद अनीता बसोया (एंड्रयूज गंज), निखिल चपराना (हरि नगर) और धर्मवीर सिंह (आरके पुरम) ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली। इससे आगामी अप्रैल में होने वाले मेयर चुनाव में भाजपा की स्थिति मजबूत होती दिख रही है।

MCD में बीजेपी का मेयर बनना तय?

आप पार्षदों के भाजपा में जाने से नगर निगम में समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। वर्तमान में एमसीडी में 250 सीटें हैं, लेकिन 8 भाजपा और 3 आप पार्षदों के विधायक बनने के कारण 11 सीटें खाली हो चुकी हैं। इसके अलावा, कमलजीत सेहरावत के सांसद बनने के कारण पहले से एक सीट खाली थी। अब 238 पार्षद बचे हैं, जिनमें 116 भाजपा और 114 आप के पास हैं।

मेयर चुनाव में 14 विधायक, 7 लोकसभा सांसद और 3 राज्यसभा सांसद भी वोट डालते हैं। इनमें 13 विधायक भाजपा के होंगे, जिससे भाजपा के पक्ष में संख्या बल 136 तक पहुंच सकता है। वहीं, आप के पक्ष में 114 पार्षद, एक विधायक और दो राज्यसभा सांसद होंगे, जिससे उनकी संख्या 117 तक सीमित रहेगी।

स्वाति मालीवाल का क्या रुख रहेगा?

आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के तेवर देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि वे मेयर चुनाव में AAP को वोट न देकर भाजपा के पक्ष में मतदान कर सकती हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने भाजपा के समर्थन में बयान दिए थे। अगर उनका वोट भाजपा को जाता है, तो भाजपा का संख्या बल 138 तक पहुंच सकता है।

'ट्रिपल इंजन सरकार' की ओर भाजपा

दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि नगर निगम में भाजपा का मेयर बनने से दिल्ली में 'ट्रिपल इंजन सरकार' की नींव रखी जाएगी। उनका इशारा केंद्र, दिल्ली विधानसभा और MCD में भाजपा की संभावित सत्ता की ओर था। बता दें कि नवंबर 2024 में हुए पिछले मेयर चुनाव में आप के महेश खिंची ने भाजपा के किशन लाल को महज 3 मतों से हराया था। लेकिन तब के मुकाबले अब समीकरण पूरी तरह बदल चुके हैं। बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में 70 में से 48 सीटें जीतकर आप को सत्ता से बाहर कर दिया। अब एमसीडी में भी भाजपा के पार्षदों की संख्या बढ़ रही है, जिससे मेयर पद भाजपा के खाते में जाने की संभावना बढ़ गई है।

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आगे क्या? अप्रैल में मेयर चुनाव पर टिकी निगाहें

दिल्ली एमसीडी का मेयर चुनाव अप्रैल में होना है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या और पार्षद भाजपा में शामिल होते हैं या नहीं। अगर कांग्रेस के सभी 8 पार्षद आप को वोट भी दे देते हैं, तो भी उनकी संख्या 125 तक ही पहुंचेगी, जो भाजपा के संभावित 138 के आंकड़े से कम है। दिल्ली की जनता अब एमसीडी चुनाव पर नजर गड़ाए हुए है, क्योंकि यह चुनाव दिल्ली की राजनीति की दिशा तय करेगा।

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