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डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज में 'संवाद' वाद विवाद समिति द्वारा चल वैजयन्ती इंटर कॉलेज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। 'मीडिया प्रोपेगेंडा का पर्याय' विषय पर 23 कॉलेजों के 46 प्रतिभागियों ने पक्ष और विपक्ष में अपने विचार रखे। पहला पुरस्कार श्री वेंकटेश्वर कॉलेज की तनुश्री जोशी और शांभवी को मिला।

DU Debate Championship: दिल्ली विश्लविद्यालय के डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज में 'संवाद वाद-विवाद समिति द्वारा प्रतिष्ठित चल वैजयन्ती इंटर कॉलेज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस वर्ष प्रतियोगिता का विषय 'मीडिया प्रोपेगेंडा का पर्याय' रखा गया, जिस पर प्रतिभागियों ने पक्ष और विपक्ष में अपने विचार व्यक्त किए। इस प्रतिस्पर्धा में 23 कॉलेजों के 46 प्रतिभागियों ने भाग लिया और अपने तर्कों से दर्शकों को प्रभावित किया।  

प्रतियोगिता में इन प्रतिभागियों ने मारी बाजी

प्रतियोगिता में बेहतरीन प्रदर्शन कर श्री वेंकटेश्वर कॉलेज की तनुश्री जोशी और शांभवी ने पहला पुरस्कार अपने नाम किया। वहीं, रामजस कॉलेज के श्वेतांक और खुशबू को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ। तीसरा पुरस्कार शहीद भगत सिंह कॉलेज के आदित्य शर्मा और रौनक दीक्षित को मिला। विजेताओं को कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. सदानंद प्रसाद, संवाद समिति संयोजक प्रो. बिजेंद्र कुमार और अतिथियों द्वारा 'चल वैजयन्ती ट्रॉफी' से सम्मानित किया गया।  

प्रतियोगिता का उद्घाटन और आयोजन

प्रतियोगिता की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन से की गई। अतिथियों का स्वागत पौधे भेंट कर किया गया। वाद-विवाद के पहले सत्र का संचालन दिव्यांश गांधी और करुणा नयन, जबकि दूसरे सत्र का संचालन डॉ. विनीत कुमार ने किया। इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों में प्रो. प्रमोद कुमार, प्रो. रामप्रकाश द्विवेदी, प्रो. राजेश उपाध्याय, प्रो. सुनीता मलिक, अर्चना माथुर, डॉ. नेहा शर्मा, डॉ. राकेश कुमार, डॉ. प्रवीण झा, डॉ. सुभाष गौतम, डॉ. रंजीत कुमार, अंशुमन कुमार सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल हुए।  

वाद-विवाद प्रतियोगिता का महत्व

इस मौके पर कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. सदानंद प्रसाद ने कहा कि वाद-विवाद का मंच विद्यार्थियों को अपनी बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने का अवसर देता है। यह प्रतियोगिता केवल ट्रॉफी जीतने तक सीमित नहीं है, बल्कि ज्ञान और विचारों के आदान-प्रदान का एक सुनहरा मौका भी है। संवाद वाद-विवाद समिति के संयोजक प्रो. बिजेंद्र कुमार ने प्रतियोगिता की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि यह प्रतियोगिता दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठित वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में से एक है। यहां हर प्रतिभागी कुछ न कुछ सीखकर जाता है, चाहे वह प्रतियोगिता जीते या नहीं।  

मीडिया प्रोपेगेंडा पर क्या बोले जज?

प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका निभा रहे आईआईएमसी के प्रो. प्रमोद कुमार, प्रो. राजेश उपाध्याय और वरिष्ठ पत्रकार मोहम्मद इमरान खान ने प्रतियोगियों के प्रदर्शन की सराहना की। प्रो. प्रमोद कुमार ने कहा कि कुछ युवा वक्ताओं में जबरदस्त ऊर्जा थी। उन्होंने न केवल मीडिया के इतिहास पर बात की, बल्कि इससे जुड़े वर्तमान मुद्दों पर भी अपने विचार रखे।  

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प्रतियोगिता का समापन

प्रतियोगिता का समापन विजेताओं के सम्मान समारोह के साथ हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर संवाद वाद-विवाद समिति की सह-संयोजक दिलजीत कौर ने कहा कि इस प्रतियोगिता की शुरुआत कॉलेज की स्थापना के साथ ही हुई थी और यह आज भी दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठित बहस प्रतियोगिताओं में से एक है। इस आयोजन ने न केवल प्रतिभागियों को अपनी तार्किक क्षमता दिखाने का अवसर दिया, बल्कि दर्शकों को भी मीडिया और प्रोपेगेंडा से जुड़े अहम पहलुओं पर सोचने के लिए प्रेरित किया।

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