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दिल्ली-एनसीआर में सोमवार सुबह आए भूकंप ने सभी को हिलाकर रख दिया। भूकंप का केंद्र दिल्ली के धौला कुआं क्षेत्र में था। इस क्षेत्र में मौजूद फॉल्ट लाइन्स के कारण भूकंप आना आम बात है। इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर क्यों दिल्ली में भूकंप आया और भविष्य में इससे कैसे बचा जा सकता है।

Dhaula Kuan Earthquake Epicenter: राजधानी दिल्ली और एनसीआर (नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद) में सोमवार सुबह 5:36 बजे भूकंप के झटकों से लोग दहशत में आ गए। भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई, लेकिन इसका केंद्र दिल्ली में होने के कारण झटके तेज महसूस किए गए। खासकर धौला कुआं और उसके आसपास के इलाकों में यह झटके अधिक प्रभावी थे।  

धौला कुआं के पास क्यों बार-बार महसूस हो रहे झटके?

वैज्ञानिकों के मुताबिक, धौला कुआं क्षेत्र में पिछले कुछ सालों से लगातार हलचल दर्ज की जा रही है। झील पार्क क्षेत्र में जमीन के नीचे हलचल जारी है, जिससे इस क्षेत्र में बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। 2015 में 3.3 तीव्रता का भूकंप आया था, लेकिन इस बार 4.0 तीव्रता के भूकंप ने दिल्ली-एनसीआर को हिलाकर रख दिया। कम गहराई के कारण झटके अधिक तीव्र महसूस किए गए। विशेषज्ञों के अनुसार, धौला कुआं और आसपास का क्षेत्र अरावली पहाड़ी का हिस्सा माना जाता है, जहां छोटे-छोटे भूकंप आते रहते हैं। लेकिन इस बार भूकंप का केंद्र महज 5 किमी की गहराई पर था, जिससे कंपन ज्यादा महसूस हुआ।  

दिल्ली भूकंप के लिहाज से क्यों है संवेदनशील?

दिल्ली सीस्मिक जोन 4 (Seismic Zone IV) में स्थित है, जो इसे भूकंप की दृष्टि से उच्च जोखिम वाला क्षेत्र बनाता है। यह क्षेत्र हिमालयी टेक्टोनिक गतिविधियों से प्रभावित है।  

भारत का सीस्मिक जोन वर्गीकरण

  1. जोन 2 न्यूनतम खतरा (Low Risk)  
  2. जोन 3 मध्यम खतरा (Moderate Risk)  
  3. जोन 4 उच्च खतरा (High Risk) दिल्ली इस जोन में है। 
  4. जोन 5  बहुत अधिक खतरा (Very High Risk)  

दिल्ली के आसपास कई सक्रिय फॉल्ट लाइन्स मौजूद हैं, जिनमें मोरादाबाद फॉल्ट, सोहना फॉल्ट और दिल्ली-हरिद्वार रिज शामिल हैं।  

भूकंप के दौरान क्यों सुनाई दी तेज आवाज?

भूकंप के दौरान कई लोगों ने तेज गड़गड़ाहट की आवाज सुनी, जिससे वे घबरा गए। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भूकंप के कारण किसी इमारत या अन्य वस्तु के हिलने की वजह से यह आवाज आई होगी। रेसिलिनफ्रास टेक्नोलॉजीज के निदेशक डॉ. भावेश पांडेय ने मीडिया को बताया कि पांच किमी गहराई पर आए भूकंप की आवाज सतह पर सुनाई देना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि यह संभव है कि मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के हिलने या लोगों के डर की वजह से यह भ्रम हुआ हो।  

क्या दिल्ली में आ सकता है बड़ा भूकंप?

विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में रिक्टर स्केल पर 4-5 की तीव्रता वाला भूकंप भी तबाही मचा सकता है, क्योंकि यहां की इमारतें मजबूत नहीं हैं और बसावट बेहद सघन है। डॉ. पांडेय के अनुसार, दिल्ली में छोटे भूकंप यह संकेत देते हैं कि धरती के भीतर किसी तरह की गतिविधि हो रही है। हालांकि, दिल्ली में बहुत बड़े भूकंप की संभावना कम है, लेकिन अगर उत्तराखंड या अफगानिस्तान में बड़ा भूकंप आता है, तो दिल्ली में भी झटके तेज महसूस हो सकते हैं।  

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भूकंप से बचाव के लिए क्या किया जा सकता है?

  • भूकंप-रोधी इमारतों (Earthquake Resistant Buildings) का निर्माण कराया जाए।  
  • आपातकालीन योजनाएं बनाएं और सेफ्टी ड्रिल का पालन करें।  
  • भूकंप के दौरान 'ड्रॉप, कवर और होल्ड' नियम अपनाएं।  
  • सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों की जानकारी रखें।

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