Delhi High Court notice to Atishi: दिल्ली हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना को बीजेपी नेता प्रवीण शंकर कपूर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि केस में नोटिस जारी किया है। यह मामला दिल्ली विधानसभा में बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों को लेकर किया गया है। अदालत ने 30 अप्रैल 2025 को इस मामले की अगली सुनवाई का आदेश दिया है।
मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को चुनौती
बीजेपी नेता प्रवीण शंकर कपूर ने यह याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में दायर की थी, जिसमें उन्होंने मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा जारी समन को निरस्त करने के सेशंस कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। इस आदेश में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आतिशी को समन जारी कर पेश होने का आदेश दिया था, जिसे सेशंस कोर्ट ने रद्द कर दिया था।
हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप और सबूतों की कमी
सुनवाई के दौरान प्रवीण शंकर कपूर के वकील अजय बर्मन ने दावा किया कि सेशंस कोर्ट ने राजनीतिक विश्लेषण करते हुए बिना सबूतों के हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों पर टिप्पणी की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाए गए थे कि बीजेपी ने 27 आप विधायकों को 25 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था, ताकि उन्हें पार्टी में शामिल किया जा सके, लेकिन इसके समर्थन में कोई ठोस साक्ष्य पेश नहीं किया गया है।
सेशंस कोर्ट के आदेश में कानूनी खामियां
प्रवीण शंकर कपूर की याचिका में कहा गया है कि सेशंस कोर्ट का आदेश कानूनी नजर में गलत है। उन्होंने कोर्ट से यह आदेश रद्द करने की अपील की है क्योंकि सेशंस कोर्ट ने इस मामले से जुड़े मुद्दों के बजाय मामूली मुद्दों पर विचार किया, जिनका इस केस से कोई लेना-देना नहीं था।
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आतिशी के खिलाफ मानहानि की याचिका
प्रवीण शंकर कपूर ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना के खिलाफ मानहानि की याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि दोनों नेताओं ने बीजेपी नेताओं पर झूठे आरोप लगाए थे। याचिका में कहा गया है कि केजरीवाल और आतिशी ने दावा किया कि बीजेपी ने 7 आप विधायकों से संपर्क कर 25 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था, ताकि दिल्ली की सरकार गिराई जा सके।
30 अप्रैल को इस पर अगली सुनवाई तय
इस मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट के एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट तान्या बामनियाल ने आतिशी को 20 हजार रुपये के पर्सनल बांड पर जमानत दी थी। अब हाई कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी किया है और 30 अप्रैल को इस पर अगली सुनवाई तय की है। प्रवीण शंकर कपूर की याचिका में यह भी कहा गया है कि जैसे ही दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में आतिशी का नाम सामने आया, उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाना शुरू कर दिया ताकि ध्यान भटकाया जा सके।
बीजेपी नेता प्रवीण शंकर कपूर के वकील ने दी प्रतिक्रिया
बीजेपी नेता प्रवीण शंकर कपूर के वकील सौमेंदु मुखर्जी ने समाचार एजेंसी से बताया कि उनके द्वारा हाई कोर्ट में जो याचिका दायर की गई थी, उसमें रिवीजन कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है। उन्होंने कहा कि 28 जनवरी को रिवीजन कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में कोई मानहानि का केस नहीं है। हम इस आदेश को चुनौती दे रहे हैं।
VIDEO | On Delhi HC's notice to Delhi CM Atishi, Advocate Shoumendu Mukherji, lawyer of BJP leader Praveen Shankar Kapoor says, “On January 28, the revision court said that there is no defamation case in this. We challenged that order. The hearing was held yesterday and today.… pic.twitter.com/eAexAFxjJF
— Press Trust of India (@PTI_News) February 4, 2025
उन्होंने बताया कि कोर्ट ने आरोपों और सबूतों की जांच किए बिना कुछ राजनीतिक टिप्पणियां की थीं, जो बिना वजह थीं। मुखर्जी ने कहा कि रिवीजन कोर्ट के पास यह अधिकार नहीं था कि वह राजनीतिक विश्लेषक की तरह कोई आदेश दे। सौमेंदु मुखर्जी ने कहा कि हमने रिवीजन कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी, और हाई कोर्ट ने इस पर नोटिस जारी किया है। उनका कहना था कि यह जरूरी था कि कोर्ट आरोपों और सबूतों पर ध्यान केंद्रित करता, लेकिन रिवीजन कोर्ट ने इसे नजरअंदाज किया और कुछ अनावश्यक राजनीतिक टिप्पणियां की।