Delhi Politics: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार अपने अधिकारियों के माध्यम से दिल्ली की सत्ता पर पूरा नियंत्रण करना चाहती है। केंद्र सरकार के इस अवैधानिक कदम की कांग्रेस घोर निंदा करती है। यादव ने मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि वित्त विभाग दिल्ली सरकार ने 25 फरवरी 2025 को एक आदेश जारी कर 1 करोड़ से अधिक के सभी विभागीय खर्चों की स्वीकृति के लिए वित्त विभाग से अनुमोदन को अनिवार्य बना दिया है।
केंद्र का अलोकतांत्रिक निर्णय- देवेंद्र
उन्होंने वित्त विभाग द्वारा जारी 7 अगस्त 2019 के ऑफिस मेमोरेंडम का हवाला देते हुए कहा कि यह आदेश उपराज्यपाल द्वारा जारी किया गया था। लेकिन अब बजट डिवीजन के एक अधिकारी के आदेश से इसे निष्क्रिय कर दिया गया है। जो यह दर्शाता है कि केन्द्र सरकार अधिकारियों के माध्यम से संवैधानिक पद पर बैठे उपराज्यपाल की शक्तियों की भी अनदेखी करके दिल्ली सरकार को भाजपा सीधा केन्द्र सरकार के इशारे पर चलाना चाहती है। यादव ने कहा कि कांग्रेस कमेटी भाजपा की नवगठित सरकार के इस अलोकतांत्रिक निर्णय का पुरजोर विरोध करेगी।
उन्होंने बताया कि 7 अगस्त 2019 के ऑफिस मेमोरंडम के अनुसार 50 करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट, योजनाओं के खर्च तथा अनुमान के लिए ही वित्त विभाग की अनुमति आवश्यक थी। जबकि 100 करोड़ से अधिक की योजनाओं के लिए ईएफसी से स्वीकृति आवश्यक थी। लेकिन अब एक साधारण अधिकारी के आदेश से इस फैसले को बदल दिया गया है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में विधानसभा चुनाव के कारण महीनों आचार संहिता लागू रही, जिससे अन्य वर्षों की तुलना में सरकारी खर्च कम होगा।
महिला सम्मान योजना का किया जिक्र
ऐसे में इस प्रकार के आदेश का जारी किया जाना स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने और वित्तीय संसाधनों को मनमाने ढंग से नियंत्रित करने की साजिश है। यादव ने कहा कि भाजपा नेताओं ने भाजपा की दिल्ली सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में महिलाओं के खाते में 2500 रुपये भेजने का वादा किया था। जबकि केजरीवाल सरकार ने बजट घोषणा में महिलाओं को 1000 रुपये देने की बात कही थी। जिसे न तो आम आदमी पार्टी ने लागू किया था और न ही भाजपा की दिल्ली सरकार ने अभी तक लागू किया हैं।
दिल्ली में कठपुतली की सरकार
इसके बावजूद, सरकार द्वारा वित्त विभाग के खर्च में कटौती का बहाना बनाकर ऐसे आदेश जारी करना यह दर्शाता है कि इनका उद्देश्य ठेकेदारों से उगाही की योजना को आगे बढ़ाना है। यादव ने कहा कि दिल्ली की जनता का अधिकार है कि उनकी चुनी हुई सरकार स्वतंत्र रूप से काम करे, लेकिन केन्द्र सरकार, केजरीवाल की भांति एक महिला को कठपुतली के रूप में बैठाकर केन्द्र सरकार के अधिकारियों के माध्यम से दिल्ली सरकार चलाने का प्रयास कर रही है।
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