Avadh Ojha statement: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अवध ओझा को पटपड़गंज सीट से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने राजनीति में सक्रिय रहने का ऐलान किया है। भाजपा प्रत्याशी रवि नेगी ने उन्हें 28,072 वोटों के बड़े अंतर से हराया, लेकिन ओझा इसे अपनी राजनीतिक यात्रा की एक अच्छी शुरुआत मान रहे हैं।
राजनीति से नहीं हटेंगे अवध ओझा
हार के बावजूद अवध ओझा ने स्पष्ट कर दिया है कि वे राजनीति में सक्रिय रहेंगे और जनता के मुद्दों के लिए आवाज उठाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह मेरी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत है और मैं इससे पीछे नहीं हटूंगा। आने वाले समय में मैं और मजबूती से जनता के बीच रहूंगा और उनके लिए काम करता रहूंगा।
अपनी हार में भी देखी चार बड़ी उपलब्धियां
अवध ओझा ने पटपड़गंज में अपनी हार के बावजूद चार प्रमुख उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पटपड़गंज की जनता ने आम आदमी पार्टी पर भरोसा दिखाया है और यह उनके लिए एक सकारात्मक संकेत है। चुनाव के दौरान पार्टी संगठन को मजबूत करने का अवसर मिला और आने वाले चुनावों में इसका फायदा मिलेगा। ओझा का मानना है कि उन्होंने भाजपा को कड़ी टक्कर दी और यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव ने उन्हें सीखने और आगे की रणनीति बनाने का अवसर दिया है।
भाजपा की देरी पर कसा तंज
दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बावजूद भाजपा ने अब तक मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं की है। इस पर अवध ओझा ने तंज कसते हुए कहा कि अगर उन्हें मदद चाहिए तो मैं तैयार हूं। मुझे लगता है कि 20 तारीख को भी भाजपा के मुख्यमंत्री शपथ नहीं ले पाएंगे।
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'अगर चेहरा है तो दिखाओ'
इसके साथ ही अवध ओझा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के पास 48 विधायक हैं, लेकिन अभी तक वे किसी एक नाम पर सहमति नहीं बना सके। जनता को यह तो पता चलना चाहिए कि उनका मुख्यमंत्री कौन होगा। अगर नीति है तो बताओ और अगर चेहरा है तो दिखाओ। उन्होंने कहा कि जनता को स्पष्टता चाहिए और भाजपा को जल्द से जल्द अपने मुख्यमंत्री का नाम घोषित करना चाहिए।
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