LG VK Saxena 23 officers Delhi Police: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली पुलिस के 23 अधिकारियों को विशेष अधिकार प्रदान किए हैं। अब ये अधिकारी सोशल मीडिया से गलत सामग्री हटाने के लिए 'टेकडाउन आदेश' जारी कर सकेंगे। यह नोटिफिकेशन 26 दिसंबर को जारी की गई थी। इस नोटिफिकेशन के तहत, दिल्ली पुलिस को दिल्ली एनसीटी की 'नोडल एजेंसी' के रूप में नामित किया गया है। आईटी अधिनियम की धारा 79 (3) (बी) के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, यूट्यूब, और अन्य मध्यस्थ, अगर गलत सामग्री हटाने में असफल रहते हैं, तो उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
किन अधिकारियों को मिली ये शक्तियां?
यह अधिकार दिल्ली के अलग-अलग जिलों के डीसीपी, इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO), आर्थिक अपराध शाखा, क्राइम ब्रांच, स्पेशल सेल, और रेलवे व मेट्रो से जुड़े अधिकारियों को दिया गया है। ये अधिकारी अपने क्षेत्र में दर्ज मामलों के आधार पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को सामग्री हटाने के नोटिस जारी कर सकेंगे।
ये भी पढ़ें: एक दिन में आचार संहिता उल्लंघन की 25 शिकायतें दर्ज, आयकर विभाग ने भी कसी कमर, टोल फ्री नंबर जारी
केंद्र सरकार की भी भागीदारी
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) को भी इस प्रावधान के तहत नामित किया है। अन्य मंत्रालयों जैसे रक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालय ने केवल एक अधिकारी को इस कार्य के लिए अधिकृत किया है। घटना से जुड़ी सामग्री या किसी आपत्तिजनक पोस्ट को तेजी से हटाने के लिए ये कदम उठाया गया है। इसका उद्देश्य न केवल साइबर अपराधों पर नियंत्रण पाना है, बल्कि गलत जानकारी और अफवाहों को फैलने से रोकना भी है। इस कदम से दिल्ली पुलिस को साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अधिक अधिकार मिलेंगे। यह अधिसूचना दिल्ली राजपत्र में प्रकाशित की गई है, जिससे इन अधिकारियों को अपनी शक्तियों का उपयोग करने के लिए कानूनी मान्यता मिली है।
ये भी पढ़ें: दिल्ली के जाटों को OBC लिस्ट में शामिल करें: केजरीवाल का पीएम मोदी को पत्र, BJP पर धोखे का आरोप