हिसार के लेफ्टिनेंट कमांडर का कारनामा : भारतीय नौसेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर देवदत्त शर्मा ने मानसिक और शारीरिक क्षमता की नई मिसाल कायम करते हुए 365 लगातार हॉफ मैराथन (7,700 किमी) पूरी कर दूसरा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया। उन्होंने 18 मार्च 2024 से 17 मार्च 2025 तक हर दिन 21.1 किमी की दौड़ लगाकर असाधारण धैर्य और अनुशासन का परिचय दिया। उनके नाम पहले से ही 82 दिन लगातार फुल मैराथन (42.2 किमी) का वर्ल्ड रिकॉर्ड (30 अक्टूबर 2022 से 19 जनवरी 2023 तक) दर्ज है। उनका यह सफर साबित करता है कि इच्छाशक्ति और समर्पण से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।
पूरे भारत को दौड़कर पार करने का लक्ष्य
लेफ्टिनेंट कमांडर देवदत्त शर्मा एक नए लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं और वह है भारत को दौड़ते हुए पार करना। इसमें वे हर दिन 42.2 किमी से अधिक की दूरी तय करेंगे। यह केवल शारीरिक क्षमता की परीक्षा नहीं होगी, बल्कि पूरे देश में फिटनेस और अनुशासन का संदेश फैलाने का एक महाअभियान होगा।
गांव से लेकर भारतीय नौसेना तक का प्रेरणादायक सफर
देवदत्त शर्मा की कहानी संघर्ष और दृढ़ संकल्प की मिसाल है। वे हिसार जिले के खरबला गांव से हैं। बचपन में ही पिता का साया उठ गया, लेकिन कठिनाइयों ने उन्हें और मजबूत बनाया। गांव के सरकारी स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद उनके चाचा ने उन्हें भारतीय नौसेना में अधिकारी बनने के लिए प्रेरित किया। आज वे माउंटेनियर, आयरनमैन, योगा ट्रेनर, मोटिवेशनल स्पीकर और गोताखोरी विशेषज्ञ के रूप में जाने जाते हैं। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि अगर संकल्प और अनुशासन हो तो किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
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गांव में आते हैं तो स्कूल में बच्चों को करते हैं प्रेरित
लेफ्टिनेंट कमांडर शर्मा बताते है कि जब भी वे गांव जाते हैं, तो हमेशा स्कूलों का दौरा करते हैं और युवाओं को फोकस रहने के लिए प्रेरित करते हैं। उनका संदेश साफ़ है कि युवा अपने लक्ष्य पर उसी तरह ध्यान केंद्रित करें जैसे लेजर लाइट करती है। जीवन में सफलता पानी है तो अपनी रोशनी खुद बननी होगी, दूसरों पर निर्भर रहकर कुछ नहीं मिलेगा। हर व्यक्ति को एक दिनचर्या बनानी चाहिए और उसी के तहत काम करना चाहिए। बिना अनुशासन के संकल्प शक्ति नहीं आ सकती और बिना संकल्प शक्ति के, कोई भी व्यक्ति अपने सपनों को साकार नहीं कर सकता।
बढ़ता मानसिक दबाव और जहरीली जीवनशैली
लेफ्टिनेंट कमांडर देवदत्त शर्मा के अनुसार आज का समाज बढ़ते मानसिक दबाव और जहरीले खानपान की वजह से गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहा है। हमारे आसपास जो लाइफ स्टाइल विकसित हो रही है, वह धीरे-धीरे स्वास्थ्य के लिए जहर बनती जा रही है। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो अगले 15-20 सालों में हर घर में एक कैंसर का मरीज होगा।
हर दिन शरीर को दें एक घंटा, बदलेगी पूरी जीवनशैली
लेफ्टिनेंट कमांडर देवदत्त शर्मा का युवाओं के लिए स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि खासतौर पर युवा हर दिन एक घंटे का समय अपने शरीर को दें। आपकी पूरी जीवनशैली बदल जाएगी। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ विचार जन्म लेते हैं। अगर आप अपनी सेहत को लेकर चिंतित हैं, तो जीवन की दौड़ में आप बहुत आगे तक जा सकते हैं।