मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में सामवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पूरे राज्य में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली प्रौद्योगिकी और संचार बुनियादी ढांचे की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से " कम्युनिकेशन एन्ड कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर पॉलिसी -2023 " में संशोधन को मंजूरी दी है। यह नई पॉलिसी "कम्युनिकेशन एंड कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर पॉलिसी - 2017" की जगह लेगी और 2022 में केंद्रीय संचार मंत्रालय (दूरसंचार विभाग) द्वारा अधिसूचित संशोधित भारतीय टेलीग्राफ राइट ऑफ वे नियमों के साथ संरेखित होगी।
कैबिनेट का यह निर्णय दूरसंचार क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीकी प्रगति के एकीकरण को प्रोत्साहित करता है, जिसमें "फाइबर टू द होम" (एफटीटीएच) और ओपन एक्सेस नेटवर्क (ओएएन) जैसे अभिनव व्यवसाय मॉडल शामिल हैं, जो नेटवर्क तक भौतिक पहुंच को सेवा वितरण से अलग करता है। यह संशोधित नीति सड़कों के किनारे नलिकाओं के माध्यम से 5जी सक्षम बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए एक रूपरेखा स्थापित करती है, जिससे कई सेवा प्रदाताओं को राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) उपलब्धता को अनुकूलित करने और कई बुनियादी ढांचे प्रदाताओं द्वारा आरओडब्ल्यू में खुदाई के कारण होने वाले बार-बार होने वाले व्यवधानों को रोकने के लिए एक ही बुनियादी ढांचे को साझा करने की अनुमति मिलती है।
नए स्वीकृत कार्यक्रम के तहत, यदि नोडल अधिकारी आवेदन जमा करने की तारीख से 45 दिनों के भीतर अनुमति देने या आवेदन को अस्वीकार करने में विफल रहता है, तो अनुमति दी गई मानी जाएगी। संबंधित जिले के उपायुक्त सभी मंजूरियों के लिए एकमात्र संपर्क व्यक्ति होंगे।
भारत सरकार के दूरसंचार विभाग से पंजीकृत या लाइसेंस प्राप्त कोई भी दूरसंचार बुनियादी ढांचा और सेवा प्रदाता या संचार और कनेक्टिविटी बुनियादी ढांचे को बिछाने के लिए लाइसेंस धारी द्वारा विधिवत अधिकृत बुनियादी ढांचा प्रदाता इस नीति के तहत राज्य में कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर एवं संचार स्थापित करने, बिछाने या प्रदान करने के लिए अनुमति लेने के लिए पात्र है।