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हरियाणा के रेवाड़ी में पिता ने समाज के सामने बड़ी मिसाल पेश की। परंपरा है कि शादी से पहले लड़के घोड़ी पर बैठकर बनवारा निकालते हैं। रेवाड़ी में एक पिता ने अपनी बेटी को बराबरी का दर्जा देते हुए उसे शादी से पहले घोड़ी पर बैठाकर बनवारा निकाला। रिश्तेदारों ने घोड़ी के आगे नाचकर खुशियां मनाईं। लोग बोले म्हारी छोरियां छोरों से कम है के।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ : वर्तमान में समाज बेटा और बेटी को एक नजर से देखने लगा है। शहर के कालाका रोड स्थित विकास नगर निवासी बोदनराम और निर्मला देवी ने अपनी बेटी ममता की शादी से पहले घोड़ी पर बनवारा निकालकर समाज को एक सार्थक संदेश दिया। ममता को घोड़ी पर बैठाकर गाजे-बाजे के साथ कॉलोनी में घुमाया गया। परिवार और रिश्तेदार बनवारे में नाचते-गाते दिखाई दिए। 

दो बेटियों की हो चुकी शादी

बोदनराम की दो बड़ी बेटियों की पहले ही शादी हो चुकी है। बोदनराम का कहना है कि उन्होंने अपने बेटियों को कभी भी बेटों से कम नहीं समझा। घोड़ी पर बैठाकर बनवारा निकालने का मकसद भी समाज को संदेश देना हैं।

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