Indore digital arrest: मध्य प्रदेश के इंदौर में ऑनलाइन ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। बदमाशों ने टीसीएस के सॉफ्टवेयर इंजीनियर को तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। दोस्तों से उधार और फाइनेंस कंपनियों से इंस्टेंट लोन लेकर रुपए दिए, लेकिन बदमाशों ने तब भी नहीं छोड़ा। गुरुवार (19 दिसंबर) को क्राइम ब्रांच पुलिस ने उसे ठगों से मुक्त कराया।
कूरियर कंपनी का कर्मचारी बनकर ठगी
इंदौर के एरोड्रम निवासी मोहित मौर्य टीसीएस में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। सोमवार शाम मोबाइल कॉल कर बदमाश ने खुद को डीएचएल एक्सप्रेस कूरियर सर्विस का कर्मचारी बताया। कहा, आपके पार्सल को कस्टम ने रोका है। इसमें 140 ग्राम एमडीएमए ड्रग मिला है। आपकी कॉल साइबर सेल में कनेक्ट की जा रही है।
इंस्टेंट लोन लेकर दो बार ट्रांसफर किए रुपए
बदमाशों ने इसके बाद डिजिटल अरेस्ट कर लिया और रुपए ट्रांसफर कराने के लिए लगातार दबाव बनाने लगे। बदमाशों ने उनके बैंक स्टेटमैंट मांगे। कहा, दोस्त से उधार लेकर दो। इंजीनियर ने इंस्टेंट लोन लेकर उनके बैंक दो बार रुपए ट्रांसफर किए।
पुलिस अधिकारी को लेकर पहुंचा दोस्त
साफ्टवेयर इंजीनियर मोहित के दोस्त को पता चला तो वह क्राइम ब्रांच पुलिस के एडीसीपी राजेश दंडौतिया को लेकर मोहित के घर पहुंचा। एडीसीपी ने बदमाश से बात की तो उसने वीडियो कॉल काट दिया।
यह भी पढ़ें: सरकारी गाड़ी लॉक करने वाले 6 कर्मचारियों को पहले थाने में बंद कराया फिर खुद रिहा कराया
पेपर में लिखकर दी सूचना
एडीसीपी राजेश दंडौतिया ने बताया कि मोहित के दोस्त अश्विन तिवारी ने मुझे कॉल कर घटना की जानकारी दी। बताया, मोहित तीन दिन से डिजिटल अरेस्ट है। उसकी कॉल रिकॉर्डिंग की जा रही है। जिस कारण उसने पेपर में लिखकर सूचना दी है। एडिशनल डीसीपी ने मोहित को कॉल पर बने रहने की सलाह दी। मौके पर पहुंचकर खुद बदमाश से बात की, लेकिन उसने यह कहकर काल काट दिया कि मैं दिल्ली में हूं।