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MP Cooperative Elections 2024: मध्य प्रदेश में सहकारी समितियों के चुनाव 11 साल कराने की तैयारी है। मप्र राज्य सहकारी निर्वाचन पदाधिकारी एमबी ओझा ने 24 जून से 9 सितंबर के बीच चार चरणों में यह चुनाव प्रस्तावित किए हैं।

MP Cooperative Elections 2024: मध्य प्रदेश में लोकसभा के बाद अब सहकारी समितियों के चुनाव कराए जाने की तैयारी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने यह चुनाव 24 जून से 9 सितंबर के बीच चार चरणों में प्रस्तावित किए हैं। प्रदेश में 4500 से ज्यादा प्राथमिक कृषि समितियां हैं। इनके साथ जिला सहकारी बैंक व अपेक्स बैंक के चुनाव भी होंगे। MP में यह चुनाव 11 साल बाद होने जा रहे हैं। 

मध्य प्रदेश में इससे पहले 2013 में सहकारी समितियों के चुनाव हुए थे। इनका कार्यकाल 2018 तक था, लेकिन कार्यकाल समाप्त होने के बाद सालों बाद भी चुनाव नहीं हुए। सहकारी समितियों का संचालन फिलहाल प्रशासकों के मार्गदर्शन में हो रहा है। मप्र राज्य सहकारी निर्वाचन पदाधिकारी एमबी ओझा ने समिति चुनाव 24 जून से 9 सितंबर के बीच चार चरणों में प्रस्तावित किए हैं। 

6 साल से प्रशासक के आधीन संस्थाएं
सहकारी संस्थाओं में प्रशासक का कार्यकाल 2 साल से अधिक नहीं हो सकता, लेकिन मध्य प्रदेश में पिछले 6 साल से सभी सहकारी संस्थाएं प्रशासक के अधीन हैं। सरकार चुनाव कराने को तैयार नहीं थी। जिसे लेकर कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव कराए जाने की मांग की। जबलपुर हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए जल्द से जल्द चुनाव कराने का आदेश दिया था। 

क्या हैं सहकारी समितियां 
मध्य प्रदेश में लगभग 4531 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाएं अस्तित्व में हैं। इन संस्थाओं के जरिए किसानों को उचित कीमत व साख के आधार पर खाद-बीज उपलब्ध कराए जाते हैं। सहकारी समितियों का संचालन किसानों द्वारा निर्वाचित कमेटी व प्रशासन के सहयोग से किया जाता था। समितियों के चुनाव सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 के तहत कराए जाते हैं, लेकिन अधिनियम की अनेदेखी करते हुए लंबे समय से चुनाव नहीं कराए गए। जिस कारण ज्यादातर संस्थाएं प्रशासक के आधीन संचालित हैं। 

2005 से नहीं हुए चुनाव
कृषि सहकारी समितियों के अलावा मध्य प्रदेश में राज्य सहकारी संघ, दुग्ध महासंघ, राज्य उपभोक्ता संघ और आवास संघ भी संचालित हैं। इनके चुनाव भी 2005 से लंबित हैं। चुनाव के अभाव में यह संस्थाएं भी प्रशासक के आधीन हैं। 

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