Onion export ban: प्याज के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध से महाराष्ट्र के किसान परेशान हैं। इसको लेकर शिवसेना ने नाराजगी जाहिर की है। शिवसेना UBT के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि मौजूदा सरकार सिर्फ उद्योगपतियों की बात सुन रही है। यह किसानों की कोई मदद नहीं कर रही। किसान उत्पादक भीख मांगने पर मजबूर हो गए हैं। आनंद दुबे ने कहा कि जब तक सरकार नहीं बदलेगी किसानों की हालत में सुधार नहीं होगा।
किसानों में है नाराजगी
प्याज के निर्यात पर बैन लगने के बाद से ही किसानों में नाराजगी है। उनका कहना है कि सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगाने का फैसला गलत समय में लिया है। पहले सूखे के कारण किसानों को परेशानी हुई। इसके बाद बेमौसम बारिश और ओला गिरने के कारण फसलों को नुकसान हुआ। अब किसानों के पास प्याज से कुछ कमाई का मौका था तो केंद्र सरकार ने निर्यात ही बैन कर दिया। हालांकि, अभी देश में प्याज का इतना स्टॉक है कि निर्यात के बावजूद भी पूरे देश में इसकी आसानी से सप्लाई हो सकती है।
8 दिसंबर को सरकार ने लगाई थी रोक
सरकार ने प्याज की कीमत को बढ़ने से रोकने के लिए इसका निर्यात रोकने का फैसला लिया है। अगले साल मार्च तक इसके एक्सपोर्ट पर रोक लगाई गई है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने 8 दिसंबर को इससे जुड़ा आदेश जारी किया। इसमें अगले साल 31 मार्च तक प्याज एक्सपोर्ट पर बैन प्रभावी होने की बात कही गई। इससे पहले अगस्त में भी केंद्र सरकार ने इसी तरह प्याज को विदेशी बाजारों में भेजने पर रोक लगा दी थी।
प्याज उगाने में भारत पहले नंबर पर
प्याज की खेती करने के मामले में दुनिया में भारत पहले नंबर पर आता है। भारत में कुल प्याज उत्पादन का 23% सिर्फ महाराष्ट्र में उगाया जाता है। इस लिस्ट में मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर और गुजरात तीसरे नंबर पर है। प्याज एक्सपोर्ट पर बैन का असर ऐसे कई देशों पर पड़ा है जो भारत से प्याज आयात करते हैं। भारत से प्याज खरीदने देने वाले देशों में UAE, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका और मालदीव प्रमुख हैं। सरकार के फैसले के बाद इन देशों में प्याज की कीमतों में उछाल देखी जा रही है।