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Solapur GBS Update: महाराष्ट्र के सोलापुर में गुलियन-बर्रे सिंड्रोम (GBS) के 9 नए मामले सामने आए हैं। इस बीमारी से 1 शख्स की मौत हुई। मरीजों की संख्या 110 पहुंची। प्रदूषित पानी से संक्रमण, 17 मरीज वेंटिलेटर पर। केंद्र ने विशेषज्ञ टीम भेजी।

Solapur GBS Update: महाराष्ट्र के सोलापुर में GB सिंड्रोम के 9 नए मामलों ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। अब तक कुल 110 मरीज अब तक सामने आ चुके हैं। इनमें 73 पुरुष और 37 महिलाएं शामिल हैं। वहीं, 17 मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है। स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबितकर ने पुष्टि की कि 40 वर्षीय मरीज की मौत GB सिंड्रोम से हुई। शहर के जल स्रोतों से लिए गए सैंपल की जांच में प्रदूषण पाया गया है। प्रशासन ने बीमारी को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं।  

जल प्रदूषण के कारण बीमारी का खतरा बढ़ा
सोलापुर के  से 34 पानी के सैंपल जांच के लिए भेजे गए। इनमें से 7 सैंपल में जल प्रदूषण की पुष्टि हुई। यह पाया गया कि प्रदूषित पानी में मौजूद Campylobacter jejuni बैक्टीरिया GBS का कारण बन सकता है। यह बैक्टीरिया पेट में संक्रमण पैदा करता है और नर्व डिसऑर्डर को ट्रिगर करता है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को उबला पानी पीने और स्वच्छता का ध्यान रखने की सलाह दी है।  

GBS के लक्षण और जोखिम
GBS सिंड्रोम एक दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी है। इसमें शरीर की इम्यून सिस्टम नसों पर हमला करती है। इसके लक्षणों में सुन्नपन, झुनझुनी, दस्त, मांसपेशियों में कमजोरी, और सांस लेने में दिक्कत शामिल हैं। यह बीमारी आमतौर पर 30 से 50 साल की उम्र के लोगों को अधिक प्रभावित करती है। हालांकि, इलाज के बाद ज्यादातर मरीज 6 महीने के भीतर ठीक हो जाते हैं। गंभीर मामलों में मरीज को ठीक होने में एक साल तक का समय लग सकता है।  

महंगा इलाज बना चुनौती
GB सिंड्रोम का इलाज महंगा है। मरीजों को इम्यूनोग्लोबुलिन (IVIG) इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है। एक इंजेक्शन की कीमत 20,000 रुपए तक है। एक मरीज को इलाज के दौरान 13 इंजेक्शन तक लग सकते हैं। पुणे के अस्पताल में भर्ती 68 वर्षीय मरीज के परिवार ने इलाज का खर्च वहन करने में कठिनाई जताई। राज्य सरकार ने इलाज के लिए मदद का भरोसा दिया है। सरकार ने कहा है कि मरीज के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी।

केंद्र और राज्य सरकार ने बढ़ाई सतर्कता  
बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने विशेषज्ञों की एक 7-सदस्यीय टीम सोलापुर भेजी है। यह टीम राज्य सरकार की मदद करेगी। स्वास्थ्य विभाग ने 35,000 से अधिक घरों का सर्वे किया है। 44 सैंपल की जांच में 14 सैंपल में नोरोवायरस और 5 में Campylobacter की पुष्टि हुई है। प्रशासन ने मुफ्त इलाज और साफ पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।  

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