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Sambhal violence: संभल हिंसा मामले में जामा मस्जिद के प्रमुख जफर अली को गिरफ्तार किया गया है। 24 नवंबर, 2024 को हुई इस हिंसा में लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे।

Sambhal violence: संभल हिंसा मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। एसआईटी ने इस मामले में शाही जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जाफर अली को गिरफ्तार किया है। यह हिंसा मस्जिद के कोर्ट-आदेशित सर्वे को लेकर हुई थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, जाफर अली को पहले ही विशेष जांच दल (SIT) द्वारा हिरासत में लिया गया था, ताकि उनका बयान दर्ज किया जा सके। हालांकि, जाफर के भाई ताहिर अली ने आरोप लगाया कि उन्हें गिरफ्तार करने का मकसद 24 मार्च को तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग के सामने उनकी गवाही रोकना था।

संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि जाफर अली को 24 नवंबर की हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, उन्होंने इस बारे में और ज्यादा जानकारी नहीं दी।

जाफर  के भाई ने पुलिस पर फंसाने का लगाया आरोप
जाफर अली के बड़े भाई ताहिर अली ने आरोप लगाया कि पुलिस ने जानबूझकर जाफर को जेल भेजा है, ताकि वे न्यायिक आयोग के सामने अपनी गवाही न दे सकें। ताहिर ने कहा, "सुबह 11:15 बजे एक इंस्पेक्टर और केस की जांच अधिकारी हमारे घर आए और कहा कि सर्कल ऑफिसर कुलदीप सिंह उनसे बात करना चाहते हैं। जाफर को कल आयोग के सामने गवाही देनी थी, इसलिए उन्हें जानबूझकर जेल भेजा गया है।"

ताहिर ने आगे कहा, "जाफर ने पहले ही एक प्रेस कॉफ्रेंस में अपना बयान दिया है और वे इसे बदलेंगे नहीं। उन्होंने साफ कहा था कि पुलिस ने गोलियां चलाईं और जो लोग मारे गए, वे पुलिस की गोलियों के शिकार हुए।"

गिरफ्तारी पर क्या बोला जाफर?
जाफर अली के साथ हुई बातचीत के बारे में ताहिर ने कहा कि उन्होंने मुझसे कहा, 'कोई समस्या नहीं, मैं जेल जाने के लिए तैयार हूं। मैं सच से पीछे नहीं हटूंगा। ताहिर ने यह भी आरोप लगाया कि संभल प्रशासन ने जानबूझकर सार्वजनिक अशांति फैलाई है।

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