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Earthquake: मंगलवार(7 जनवरी) की सुबह नेपाल में 7.1 तीव्रता का भूकंप आया। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक भूकंप का केंद्र लोबुचे से 93 किमी उत्तर पूर्व मे था। इसके झटके दिल्ली-NCR, बिहार और बंगाल तक महसूस हुए।

Earthquake: मंगलवार(7 जनवरी) की सुबह नेपाल 7.1 तीव्रता के भूकंप से हिल गया। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) ने बताया कि भूकंप सुबह 6:35 बजे नेपाल-तिब्बत सीमा के पास लोबुचे से 93 किमी उत्तर पूर्व में आया। इस भूकंप के झटके पांच देशों में महसूस किए गए। भूकंप इतना शक्तिशाली था कि इसके झटके दिल्ली-NCR, बिहार और बंगाल के कुछ हिस्सों समेत कई उत्तर भारतीय शहरों में महसूस किए गए। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के मुताबिक, भूकंप सुबह 6:35 बजे आया। भूकंप का केंद्र नेपाल-तिब्बत सीमा के पास लोबुचे से 93 किमी उत्तर पूर्व में था। 

भूकंप के झटके पांच देशों में महसूस किए गए:

  • नेपाल: भूकंप का केंद्र लोबुचे से 93 किमी उत्तर पूर्व में स्थित था, और काठमांडू और आसपास के इलाकों में झटके महसूस हुए।
  • भारत: दिल्ली, पटना (बिहार), सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल), और गंगटोक (सिक्किम) समेत कई शहरों में कंपन महसूस किया गया।
  • बांग्लादेश: नेपाल में आए इस भूकंप का असर बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भी दिखा। यहां भी सुबह-सवेरे धरती डोलने लगी।
  • भूटान: भूकंप का असर भूटान के 12 शहरों में में भी महसूस किए गए। खासकर तिब्बत से सटे चीन के इलाकों में धरती कांप गई।
  • चीन: भूकंप के केंद्र से लगभग 163 किमी दूर चीन के कई शहरों में झटके महसूस हुए। हालांकि, चीन ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

यहां देखिए बिहार में कैसे झटके से हिलने लगे पंखे:

बिहार के कई सीमावर्ती इलाकों में महसूस हुए झटके
मंगलवार की सुबह नेपाल में आए भूकंप से बिहार के कई सीमावर्ती शहरी कांप उठे। झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों और अपार्टमेंट से बाहर निकल आए। हालांकि भूकंप की वजह से फिलहाल जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। हालांकि, भूकंप की वजह से लोगों में थोड़ी देर के लिए भय का माहौल पैदा हो गया। झटकों के रुकने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। भागलपुर, पटना और गोपालगंज में भी भूकंप के झटके महसूस हुए। 

बिहार के शिवहर और सीतामढ़ी में भूकंप के झटके
नेपाल में आए इस भूकंप का असर, बिहार के शिवहर और सीतामढ़ी में भी महसूस किए गए। दोनों जिलों में सुबह के समय इस झटके के महसूस होने के बाद लोग हैरान रह गए। जिन लोगों को भी झटके महसूस हुए उन्होंने दूसरे लोगों को भूकंप के बारे में आगाह करना शुरू कर दिया। शिवहर के शख्स दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि अचानक कुर्सियां और पंखे हिलने लगे। इसके बाद हम शोर मचाते हुए बाहर निकले। थोड़ी ही देर में लोग घरों से बाहर निकल आए। 

लोगों ने भूकंप के बारे में क्या कहा?
नेपाल की राजधानी काठमांडू की रहने वाली मीरा अधिकारी ने मीडिया से बताया कि जिस समय भूकंप आया, मैं अपने घर में सो रही थी। अचानक मेरा बिस्तर हिलने लगा। पहले तो मुझे ये लगा कि यह मेरे बच्चे की शरारत है। मेरा बच्चा बिस्तर हिला रहा है। मैंने शुरुआत में ध्यान नहीं दिया, लेकिन जब मैंने देखा कि खिड़की भी हिल रही है तो समझ आया कि भूकंप आया है। मैं जल्दी से अपने बच्चों के साथ घर खाली कर खुले मैदान में आ गई। 

क्यों आता है भूकंप, कहां भूकंप आने का ज्यादा खतरा
बता दें कि पृथ्वी 7 टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। यह प्लेट्स कई बार आपस में टकराती हैं। इन प्लेट्स के कोने मुड़ जाने या फिर ज्‍यादा दबाव पड़ने से यह प्‍लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर निकलने का रास्‍ता खोजती है। इसी डिस्‍टर्बेंस के चलते भूकंप आता है।  भूगर्भशास्त्रियों की मानें तो नेपाल और हिमालय से सटे इलाकों में भूकंप का सबसे ज्यादा खतरा है। क्योंकि सिस्मिक जोन-05 में भूकंप आने की संभावना ज्यादा रहती है। इसे भूकंपीय क्षेत्र भी कहते हैं। यहां रिक्टर स्केल 8 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप आ सकता है। पूरे देश को भूकंप के 5 सिस्मिक जोन में बांटा गया है। इनमें से 5वां जोन सबसे खतरनाक है। सबसे ज्यादा भूकंप इसी जोन में आते हैं, क्योंकि इसके नीचे के टेक्टोनिक प्लेटों में सबसे ज्यादा हलचल होती है। 

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