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Justin Trudeau : पीएम जस्टिन ट्रूडो अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। दावा किया जा रहा है कि जस्टिन ट्रूडो बुधवार (8 जनवरी) को होने वाली कॉकस मीटिंग के बाद अपना इस्तीफा सौंप देंगे।

Justin Trudeau: सोमवार (6 जनवरी) को की सुबह एक ऐसी खबर आई जिससे दुनिया भर में तहलका मच गया। ग्लोब एंड मेल ने अपने सोर्सेज के हवालों से दावा किया कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। दावा किया जा रहा है कि जस्टिन ट्रूडो बुधवार (8 जनवरी) को होने वाली कॉकस मीटिंग के बाद अपना इस्तीफा सौंप देंगे। ट्रूडो 2013 ls लिबरल पार्टी को लीड कर रहे हैं और 2015 से कनाडा के पीएम हैं। अब उनकी अपनी ही लिबरल पार्टी (Liberal Party) के सांसदों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 

लिबरल पार्टी को होगी नए इंटरिम लीडर की जरूरत
ग्लोब एंड मेल ने अपने तीन सोर्सेज के आधार पर ट्रूडो के इस्तीफा को लेकर दावा किया है। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में इस हफ्ते में कभी भी ट्रूडो के कुर्सी छोड़ने की बात कही जा रही है। ऐसे में फिलहाल इस बात कि कोई पक्की जानकारी नहीं है कि ट्रूडो कब पीएम की कुर्सी छोड़ेंगे। ट्रूडो मौजूदा समय में लिबरल पार्टी के अंतरिम नेता भी हैं। ऐसे में ट्रूडो के इस्तीफे के बाद क्या वह लिबरल पार्टी के नए नेता चुने जाने तक इस पद पर बने रहेंगे या नहीं, इसके बारे में भी कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। 

संकटों में घिरी पार्टी की थामी थी कमान
बता दें कि ट्रूडो 2013 में लिबरल पार्टी के मुखिया बने थे। उस समय पार्टी संकटों से जूझ रही थी। पार्टी हाउस ऑफ कॉमन्स यानी कि कनाडा कि संसद में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई थी। इसके बाद ट्रूडो ने चुनाव प्रचार की कमान अपने हाथों में ली। खुद मतदाताओं तक पहुंचने की शुरुआत। अपने शानदार और तार्किक भाषणों से ट्रूडो ने लोगों के बीच एक अलग छवि बनाई। इसका सीधा फायदा लिबरल पार्टी को हुआ और महज दो साल के भीतर ही लिबरल पार्टी कनाडा की सत्ता पर काबिज हो गई। 

ट्रूडो के इस्तीफ के बाद आएगी चुनाव की नौबत
अगर ट्रूडो इस्तीफा देते हैं तो कनाडा में एक स्थिर सरकार के लिए जल्द से जल्द चुनाव कराने की जरूरत होगी। ग्लोब एंड मेल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि ट्रूडो ने वित्त मंत्री डोमिनिक ले ब्लांक के साथ इस बार पर चर्चा की है कि वह पार्टी के इंटरिम लीडर और पीएम पोस्ट से इस्तीफा दे सकते हैं। बता दें कि कनाडा में इस साल अक्टूबर में चुनाव होने वाला है। इसके साथ ही देश हाउसिंग क्राइसिस, पर कैपिटा जीडीपी और बढ़ती महंगाई को लेकर भी ट्रूडो का विरोध तेत हो रहा है। 

सितंबर में लाया गया था अविश्वास प्रस्ताव
ट्रूडो बीते पांच महीनों से अपनी पार्टी के साथ ही विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के निशाने पर हैं। सितंबर में कनाडा की संसद में ट्रूडो के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया था। हालांकि, यह अविश्वास प्रस्ताव सफल नहीं रहा और ट्रूडो की कुर्सी बच गई। लेकिन ट्रूडो का विरोध कम नहीं हुआ। दिसंबर में ट्रूडो की बेहद खास माने जाने वाली फाइनेंस मिनिस्ट क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। फ्रीलैंड ने ट्रूडो पर गंभीर आरोप लगाए थे और दावा किया था कि उनके पास कैबिनेट से इस्तीफा देने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। 

क्या है ट्रूडो के खिलाफ बगावत की दो बड़ी वजह
जस्टिन ट्रूडो के खिलाफ बगावत होने की दो बड़ी वजहें हैं। ट्रूडो की लिबरल पार्टी को हाल ही में हुए मॉन्ट्रियल उपचुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में ब्लॉक क्यूबेकोइस पार्टी ने जीत हासिल की, जिससे ट्रूडो की पार्टी को एक बड़ा झटका लगा। देश के कइ चुनावी सर्वे की रिपोर्ट में यह सामने आया है कि्र अगर आज चुनाव होते हैं, तो ट्रूडो की लिबरल पार्टी कंजर्वेटिव पार्टी के हाथों सत्ता से बाहर हो सकती है। इन दोनों वजहों से भी ट्रूडो के खिलाफ लिबरल पार्टी के नेताओं ने बगावत शुरू कर दी। 
 

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