CEC Rajiv Kumar farewell speech: मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार 18 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन जाते-जाते उन्होंने विपक्षी पार्टियों को बड़ी नसीहत दे डाली। किसी पार्टी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कुछ दल अपनी चुनावी असफलता स्वीकारने को तैयार नहीं होते और ECI की निष्पक्षता पर सवाल उठाने लगते हैं। यह गलत प्रवृत्ति है। इसका अंत होना चाहिए।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार सोमवार (17 फरवरी) को अपने विदाई भाषण को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग (ईसीआई) को उन लोगों द्वारा बलि का बकरा बनाया गया है, जो चुनावी नतीते स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। उनका अप्रत्यक्ष निशना कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर था।
चुनाव अधिकारियों को निशाना बनाना चिंता का विषय
राजीव कुमार ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, लेकिन चुनावी नतीजों के बाद अक्सर उसे गलत तरीके से दोषी ठहराया जाता है। परिणाम के बाद चुनाव अधिकारियों को निशाना बनाने की यह प्रवृत्ति बढ़ रही है, जो गंभीर चिंता का विषय है।
आपत्ति और अपील के बिना संदेह अनुचित
सीईसी राजीव कुमार ने बताया कि उम्मीदवार और राजनीतिक पार्टियों को हर चरण में पूरी पारदर्शिता के साथ शामिल होती हैं। इस दौरान उन्हें आपत्ति दर्ज कराने भरपूर मौका भी दिया जाता है, लेकिन बिना आपत्ति और अपील के इस तरह संदेह पैदा करने का प्रयास अनुचित है।
हमेशा संवाद को प्राथमिकता दें
राजीव कुमार ने राजनीतिक दलों से हार के बाद चुनाव आयोग को दोषी ठहराने की प्रथा बंद करने का आह्वान किया। कहा, यह परेशान करने वाली प्रवृत्ति है। इसे छोड़ दिया जाना चाहिए। कहा, हमने हमेशा संवाद को प्राथमिकता दी है। चुनाव आयोग समझदारी, धैर्य और संयम के साथ प्रतिक्रिया देता है।