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भारतीय वायु सेना ने कारगिल एयर स्ट्रीप पर पहली बार बार C-130 J एयरक्राफ्ट की सफल नाइट लैंडिंग करवाई है। वायुसेना के गरुड़ जवानों को ट्रेन करने के इस मिलिट्री एक्सरसाइज को बेहद गोपनीय तरीके से अंजाम दिया गया।

Night Landing of IAF Plane on Kargil Airstrip: भारतीय वायुसेना (IAF) ने कुछ ऐसा कर दिखाया है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान की नींद उड़ जाएगी। IAF ने कारगिल  के एयर स्ट्रिप पर अपने  C-130 J एयरक्राफ्ट की सफल नाइट लैंडिंग कराई। इस दौरान एयरफोर्स के गरुड़ जवानों को गुपचुप तरीके से लैंड करने और दुश्मनों पर धावा बोलने की ट्रेनिंग भी दी। वायु सेना ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। इससे भारतीय वायुसेना ने यह दिखाने की कोशिश की है कि पाकिस्तान-भारत सीमा पर यह रात के समय में भी ऑपरेशन के लिए तैयार है। 

क्यों अहम है कारगिल एयर स्ट्रिप?
लद्दाख के कारगिल जिले में स्थित कारगिल एयर स्ट्रीप भारत के लिए रणनीतिक तौर पर अहम है। यह लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के बेहद करीब है। इसे समुद्र तल से लगभग 2,500 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है। कारगिल एयर स्ट्रिप पाकिस्तान से लगे सीमावर्ती क्षेत्र में भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत बनाती है। खास तौर पर कारगिल जैसे संवेदनशील क्षेत्र में जरूरी मिलिट्री सपोर्ट देने के लिहाल से यह अहम है। यह हवाई पट्टी भारत के लिए सीमा के पास सैनिकों और उपकरणों को जुटाने, मिलिट्री ऑपरेशन्स को अंजाम देने और इस क्षेत्र में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने में मददगार है। 

कब हुआ था इस एयर स्ट्रिप का निर्माण?
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए 1999 के कारगिल युद्ध के बाद कारगिल में हवाई पट्टी का निर्माण किया गया था। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना को मोर्चे तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इसके बाद इलाके में एक एयर स्ट्रीप बनाने की कोशिशें तेज हुई। यह कारगिल के ऊबड़-खाबड़ इलाकों में तैनात सशस्त्र बलों के लिए रसद और आपातकालीन चिकित्सा सहायता पहुंचाने के लिए लाइफ लाइन माना जाता है।

क्याें खास हैं वायुसेना के गरुड़ कमांडो ? 
भारतीय वायुसेना के जिन गरुड़ कमांडों को कारगिल एयर स्ट्रिप पर नाइट लैंडिंग के दौरान ट्रेंड किया गया वे बेहद खास हैं।  गरुड़ कमांडो इंडियन एयरफोर्स का एक ऐसा दस्ता है जो मुश्किल से मुश्किल स्थिति में भी धावा बोलने में सक्षम होते हैं। यह किसी भी युद्ध क्षेत्र में डटने के लिए ट्रेंड किए जाते हैं। जंगली क्षेत्र या बिना नक्शे वाले किसी भी इलाके में ऑपरेशन को अंजाम दे सकते हैं। गरुड़ कमांडो गोरिल्ला युद्ध करने में पारंगत होते हैं। इन्हें काफी कठिन फिजिकल और मेंटल ट्रेनिंग दी जाती है। 

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