Chief Election Commissioner: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता चयन समिति ने ज्ञानेश कुमार को देश का मुख्य चुनाव आयुक्त चुना है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून मंत्रालय ने उनकी नियुक्ति संबंधी अधिसूचना जारी कर दी। वह राजीव कुमार की जगह लेंगे। राजीव कुमार मंगलवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्ति की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के नेतृत्व में सर्च कमेटी का गठन की थी। जिसने सचिव स्तर के 5 अधिकारियों के नामों की सूची चयन समिति को सौंपी है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस पर आपत्ति जताई थी, लेकिन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने ज्ञानेश का नाम फाइनल कर राष्ट्रपति को भेज दिया।
Election Commissioner Gyanesh Kumar has been appointed as the new Chief Election Commissioner of India, with effect from 19th February 2025.
— ANI (@ANI) February 17, 2025
(Pic - Election Commission of India/X) pic.twitter.com/73Hmjz6oMC
कैसे होता है CEC का चयन?
मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल वैसे तो छह वर्ष का होता है, लेकिन सेवानिवृत्ति के लिए निर्धारित 65 वर्ष की उम्र पूरी करते ही कई बार उन्हें पद छोड़ना पड़ता है। ज्ञानेश कुमार नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले पहले मुख्य चुनाव आयुक्त हैं। इसके पहले प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा CEC नियुक्त किए जाते थे। सामान्य तौर सबसे सीनियर चुनाव आयुक्त को ही मौजूदा सीईसी का उत्तराधिकारी चुन लिया जाता था।
#WATCH | Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi leaves from South Block after attending the meeting to select the next Chief Election Commissioner. pic.twitter.com/I5eFb9nDTh
— ANI (@ANI) February 17, 2025
चुनाव आयोग की संरचना
भारत में तीन सदस्यीय चुनाव आयोग है। इसमें एक मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और दो चुनाव आयुक्त होते हैं। तीनों ओहदा लगभग बराबर है, लेकिन मुख्य न्यायाधीश की तर्ज पर सीईसी भी अन्य दो आयुक्तों की अपेक्षा ज्यादा महत्व रखते हैं।
कौन हैं नए CEC ज्ञानेश कुमार?
- CEC बनाए गए ज्ञनेश कुमार केरल कैडर और 1988 बैच के आईएएस हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय में वह सचिव जैसा महत्वपूर्ण पद संभाल चुके हैं।
- जम्मू कश्मीर में धारा 370 समाप्त करने और राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाने वाले विधेयक का मसौदा उन्होंने ही तैयार किया था। इसके अलावा 3 तलाक को खत्म करने से जुड़ी मसौदा समिति में भी उनकी अहम भूमिका रही है।
- 61 वर्षीय ज्ञनेश कुमार 2028 तक मुख्य चुनाव आयुक्त रहेंगे। इस दौरान वह तमिलनाडु, बिहार, पश्चिचम बंगाल, असम सहित अन्य बड़े राज्यों के विधानसभा चुनास संपन्न कराएंगे।
- ज्ञानेश कुमार अभी चुनाव आयुक्त थे। उनकी और दूसरे चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू की नियुक्ति एक ही दिन हुई थी। दोनों 1988 के आईएएस हैं। लिहाजा, वरिष्ठता को लेकर संशय बना हुआ था।
- हालांकि राष्ट्रपति भवन से जारी नियुक्ति अधिसूचना में उनका नाम पहले नंबर पर था। इसलिए जानकार उनके नाम पर मुहर लगने की संभावा पहले से जता रहे थे।
बैठक में ऐसे तय हुआ नाम
- कानूनी प्रक्रिया के अनुसार सर्च कमेटी ने चयन समिति को 5 नाम सौंपे। इनमें से किसी को मुख्य चुनाव आयुक्त चुना जाना था। समिति ने परंपरा के आधार पर सबसे सीनियर चुनाव आयुक्त ज्ञानेश का नाम CEC पद के लिए प्रस्तावित कर दिया।
- चयन समिति में प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी हैं। बैठक में राहुल गांधी ने चयन प्रक्रिया डिले करने सहित कुछ बिंदुओं पर अपना पक्ष रखा, लेकिन बहुमत के आधार पर उनकी आपत्तियों को खारिज कर दिया गया।
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कांग्रेस की क्या थीं आपत्तियां?
- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फेंस कर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा, सीईसी के चयन के लिए मीटिंग बुलाई गई है। जबकि, सुप्रीम कोर्ट ने 19 फरवरी को इस मामले में सुनवाई निर्धारित की है। ऐसे में मीटिंग आज स्थगित कर देनी चाहिए थी।
- कांग्रेस सांसद और सीनियर अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, संस्थाओं के समन्वय और संविधान की आत्मा का सही तरीके से अनुपालन करना है तो फैसले भी लोकतंत्रिक तरीके से लेने होंगे। नए कानून में तमाम खामियां हैं। जबकि, CEC की नियुक्ति का फैसला संतुलित होना चाहिए। सिर्फ कार्यपालिका चयन न करे।