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Waqf Bill JPC report Controversy: वक्फ संशोधन बिल पर JPC रिपोर्ट को लेकर विपक्ष ने आपत्ति जताई है। कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन का दावा- असहमति नोट बिना इजाजत बदल दिया गया। हमें चुप कराने की कोशिश हो रही। जानें पूरा मामला।

Waqf Bill JPC report Controversy: वक्फ (संशोधन) विधेयक पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) अपनी रिपोर्ट सोमवार को लोकसभा में पेश करने जा रही है। इससे ठीक एक दिन पहले कांग्रेस सांसद और JPC सदस्य सैयद नसीर हुसैन ने गंभीर आरोप लगाए हैं। नसीर हुसैन ने कहा कि मैंने रिपोर्ट में जिन बातों पर असहमति जताई थी, उन्हें बिना अनुमति एडिट कर दिया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर हमें चुप कराने की कोशिश क्यों हो रही है? नसीर हुसैन के इस बयान के बाद विपक्षी दलों में नाराजगी देखी जा रही है।

संशोधित रिपोर्ट सोशल मीडिया पर साझा की
कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने असहमति नोट और अंतिम रिपोर्ट के कुछ पेज शेयर किए हैं। नसीर हुसैन ने लिखा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर JPC सदस्य के रूप में मैंने इस बिल का विरोध करते हुए एक असहमति नोट सौंपा था। लेकिन यह चौंकाने वाली बात है कि नोट के कुछ हिस्से मेरी जानकारी के बिना एडिट कर दिए गए। नसीर हुसैन ने कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का मजाक है। JPC पहले ही एक दिखावा बन चुकी थी, लेकिन अब तो यह और भी नीचे गिर गई है।

संसद में पेश होने से पहले ही बढ़ा तनाव
JPC ने 30 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंप दी थी। इस दौरान JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे समेत कई दूसरे सांसद मौजूद थे। हालांकि, विपक्षी पार्टियों का कोई भी सांसद मौजूद नहीं देखा गया। JPC ने 29 जनवरी को इस रिपोर्ट को मंजूरी दी थी, जिसमें 16 सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया था, जबकि 11 सदस्यों ने इसका विरोध किया। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि 655 पन्नों की रिपोर्ट एक रात में पढ़ना असंभव था, फिर भी इसे जबरदस्ती मंजूरी दी गई।

JPC बैठक में हंगामा, 10 सांसद निलंबित
दिल्ली में 24 जनवरी को हुई JPC की बैठक में विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया था। विपक्षी सांसदों का कहना था उन्हें ड्राफ्ट रिपोर्ट के संशोधन को समझने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। विपक्षी दलों ने कहा कि भाजपा जल्दबाजी में इस रिपोर्ट को पेश कराना चाहती है, क्योंकि दिल्ली चुनाव को ध्यान में रखते हुए यह एक राजनीतिक एजेंडा है। इस हंगामे के बाद JPC ने तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी और असदुद्दीन ओवैसी समेत 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया।

विपक्ष सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा
कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कहा कि JPC में कई आपत्तियां और सुझाव दिए गए थे, लेकिन उन्हें रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया। डीएमके सांसद और JPC सदस्य ए राजा ने कहा है कि हमारी पार्टी इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएगी। विपक्षी सदस्यों ने बीजेपी पर इस बिल को जल्दबाजी में पास करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। यह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन है।

बजट सत्र में पेश होगी रिपोर्ट
संयुक्त संसदीय समिति की यह रिपोर्ट संसद के बजट सत्र के दौरान पेश की जाएगी। 31 जनवरी से शुरू हुए इस सत्र में सरकार ने 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का मकसद वक्फ डिजिटलाइजेशन, पारदर्शिता और अवैध कब्जों को हटाने के लिए कानूनी सुधार लाना बताया गया है। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है और इसे बिना पर्याप्त चर्चा के पास किया जा रहा है।

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