Wreath laying ceremony of four martyrs of Rajouri: राजौरी में रविवार को पुंछ-राजौरी सीमा के पास डेरा की गली में सर्च ऑपरेशन के दौरान शहीद 4 जवानों को राजकीय सम्मान के साथ आखिरी विदाई दी गई। सेना के जवानों ने तिरंगे में लिपटे बलिदानियों को सलामी दी। इन सभी जवानों के परिजन भी इस मौके पर मौजूद रहे। देश के इतिहास में पहली बार शहीदों को वहीं पर आखिरी सलामी दी गई जहां वे शहीद हुए।
चार जवानों ने दी थी शहादत
बीते गुरुवार को पीपुल्स एंटी फासिस्ट पार्टी (PAFF) के आतंकियों ने सर्च ऑपरेशन के लिए जा रहे सेना के काफिले को निशाना बनाया था। शहीद हुए सभी चार जवान इसी काफिले की दो गाड़ियों में बैठे थे। हमले वाले दिन सेना को जंगल में कुछ आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद सेना का यह काफिला उनकी धर-पकड़ के लिए जा रहा था। इस बीच घात लगाए बैठे आतंकियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थी। बाद में PAFF ने हमले की जिम्मेदारी ली थी।
#WATCH | J&K: Wreath laying ceremony of four Army personnel who lost their lives during the Rajouri terrorist attack, underway in Rajouri pic.twitter.com/4iZBUaK76s
— ANI (@ANI) December 24, 2023
कौन हैं चार जवान जिन्हें दी गई सलामी
जिन जवानों को रविवार को श्रद्धांजलि दी गई उनमें से एक बिहार, दो उत्तराखंड और एक उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। शहीद चंदन कुमार बिहार के नवादा जिले के रहने वाले थे। वे 2017 में सेना में शामिल हुए थे। वे बीते ढ़ाई साल से जम्मू-कश्मीर के इलाके में तैनात थे। उनकी एक साल पहले ही शादी हुई थी। इस हमले में उत्तराखंड के कोटद्वारा के गौतम कुमार भी हुए शहीद हुए। वे सेना में रायफल मैन के पद पर तैनात थे। उत्तराखंड के ही चमोली के रहने वाले बीरेंद्र सिंह ने भी देश के लिए प्राणों की आहूती दी। वहीं, चौथे शहीद उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले करण यादव हैं।