IPL 2025 New Rule: आईपीएल 2025 में अब गेंदबाज गेंद पर थूक (saliva) लगाकर उसे चमका सकेंगे। बीसीसीआई मुख्यालय मुंबई में गुरुवार को हुई बैठक के बाद यह अहम फैसला लिया गया। इस बैठक में ज्यादातर फ्रेंचाइजी कप्तानों ने गेंदबाजों के हक में यह मांग रखी थी, जिसे आईपीएल मैनेजमेंट ने मान लिया।
2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान लार (सलाइवा) से गेंद चमकाने पर रोक लगाई गई थी। बाद में सितंबर 2022 में आईसीसी ने इस बैन को स्थायी कर दिया। हालांकि गेंद पर पसीना लगाने की इजाजत थी, लेकिन गेंदबाजों को रिवर्स स्विंग के लिए थूक का विकल्प नहीं मिल पा रहा था। इसका असर खासतौर पर वनडे और टी20 क्रिकेट में देखा गया, जहां बॉल जल्दी पुरानी नहीं होती और रिवर्स स्विंग मुश्किल हो जाती है।
कप्तानों ने लार पर से बैन हटाने की वकालत की
बीसीसीआई के साथ बैठक में कई कप्तानों ने कहा कि थूक के बैन से गेंदबाजों का खेल प्रभावित हो रहा। खासकर रिवर्स स्विंग करना अब मुश्किल हो गया। कप्तानों का मानना था कि बल्लेबाजों को पहले से ज्यादा फायदा मिल रहा, जिससे स्कोर 300 से ऊपर रहना आम हो गया, और गेंदबाजों के पास ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं।
मोहम्मद शमी ने उठाई थी मांग
हाल ही में भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने भी आईसीसी से अपील की थी कि गेंद पर थूक लगाने की इजाजत दी जाए। उन्होंने कहा था, 'हम रिवर्स स्विंग की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन थूक का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है। हम चाहते हैं कि गेंदबाजों को यह विकल्प फिर से मिले ताकि खेल और दिलचस्प बने।'
पूर्व गेंदबाजों ने भी किया था लार का समर्थन
वर्नोन फिलेंडर और टिम साउदी जैसे पूर्व अंतरराष्ट्रीय गेंदबाजों ने भी इस फैसले का समर्थन किया। साउथी ने कहा था, 'यह नियम कोविड के समय लाया गया था, लेकिन अब गेंदबाजों के पास भी कुछ फायदा होना चाहिए। जब टीमें 350 से ज्यादा स्कोर कर रही हैं, तो गेंदबाजों को भी कुछ राहत मिलनी चाहिए।'
गेंदबाजों के लिए फायदेमंद
अब आईपीएल 2025 में गेंदबाजों को थूक का इस्तेमाल करने की इजाजत मिलना निश्चित तौर पर गेम को बैलेंस करेगा। इससे गेंदबाजों को पुरानी गेंद से रिवर्स स्विंग करने में मदद मिलेगी और मुकाबले और भी रोमांचक होंगे।
दूसरी पारी में दो नई गेंद का इस्तेमाल
इस बार आईपीएल मैच की दूसरी पारी में एक और गेंद का इस्तेमाल होगा। दूसरी पारी में गेंद बदलने का नियम 11वें ओवर के बाद से लागू होगा। इसका मकसद ओस के असर को कम करना है। आमतौर पर देखा जाता है कि ओस की वजह से बाद में बैटिंग करने वाली टीम को रन चेज में अतिरिक्त फायदा मिलता है। ओस के कारण गेंद बल्ले पर आसानी से आती है। नया नियम यह पक्का करेगा कि टॉस जीतने वाली टीम को ओस का अनुचित फायदा न मिले। इससे मैच में टक्कर बराबरी की होगी।