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Varun chakravarthy: वरुण चक्रवर्ती ने चैंपियंस ट्रॉफी में अपने डेब्यू मुकाबले में ही 5 विकेट झटके और कप्तान रोहित शर्मा की उम्मीदों पर खरे उतरे। हालांकि, वो विरोधियों के साथ ही टीम इंडिया के लिए भी उतनी ही मिस्ट्री हैं। कप्तान रोहित शर्मा ने इसका खुलासा किया।

Varun chakravarthy: भारतीय स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने जब से टीम इंडिया में वापसी की है, बल्लेबाजों के लिए उनको पढ़ पाना टेढ़ी खीर साबित हुआ है। वरुण सिर्फ विरोधियों ही नहीं, बल्कि टीम इंडिया के लिए भी मिस्ट्री ही हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी मैच में वरुण ने 5 विकेट झटक इसे साबित किया। ये वरुण का चैंपियंस ट्रॉफी का डेब्यू मैच था और उन्होंने पंजा खोल अपनी ताकत दिखाई। हालांकि, उनकी मिस्ट्री को लेकर कप्तान रोहित शर्मा ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। 

वरुण चक्रवर्ती मैदान पर अपनी वैरिएशन से बड़े-बड़े बल्लेबाजों को धराशायी कर रहे लेकिन टीम इंडिया के बैटर्स जब नेट्स पर बल्लेबाजी करते हैं तो वरुण अलग नजर आते हैं। इसका खुलासा रोहित ने किया। 

वरुण नेट्स पर वैरिएशन नहीं डालता: रोहित
रोहित शर्मा ने वरुण चक्रवर्ती को लेकर कहा, 'वह नेट्स में हमारे लिए बहुत ज़्यादा वैरिएशन वाली गेंदबाजी नहीं करते हैं। वह सिर्फ़ एक ही तरह की गेंद फेंकते हैं। शायद, वह हमें अपनी विविधता दिखाना भी नहीं चाहते। लेकिन यह अच्छी बात है। उसके पास कुछ हथियार हैं, जिन्हें वह तब इस्तेमाल करना चाहते हैं, जब वास्तव में इसकी ज़रूरत होती है। अगर वह ऐसा करना चाहता है, तो मुझे बहुत खुशी होगी।'

'वरुण के पास कुछ तो अलग है'
रोहित ने आगे कहा, 'वरुण के पास कुछ तो अलग है, जिसकी वजह से वह हमारे साथ है। पिछले आठ से नौ महीनों में वह प्रभावशाली रहा है। इसलिए हम उसे यहां लाना चाहते थे और देखना चाहते थे कि उसके पास क्या है और वह बड़े मंच पर भारत के लिए क्या कर सकता है।'

वरुण के पास 6 अलग-अलग तरह की गेंद फेंकने की कला है। लेकिन, उनका सबसे बड़ा हथियार वो गेंद है जो सीधी रह जाती है। वो गेंद एक ही कोण से अंदर, बाहर और सीधा तीनों तरह से फेंक लेते हैं और इसी वजह से बल्लेबाजों के लिए उन्हें पढ़ पाना मुश्किल हो रहा। न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच में भी उन्होंने सीधी रहने वाली गेंद से ही काफी विकेट झटके। 

भारतीय स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने 50 ओवर के क्रिकेट में अपने प्रदर्शन को बेहतर करने के अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने टी20 प्रारूप से वनडे क्रिकेट में स्विच किया और अपनी गेंदबाजी की रणनीति को बदला।

वरुण चक्रवर्ती ने कहा कि वनडे क्रिकेट में उनकी गेंदबाजी की योजना टी20 से काफी अलग होती । उन्होंने कहा कि टी20 में मेरी गेंदों का क्रम, यानी कि मैं ओवर को कैसे बनाता हूं, वह 50 ओवर के प्रारूप से पूरी तरह अलग है। उन्होंने आगे बताया कि घरेलू विजय हजारे ट्रॉफी में पिछले दो सालों से खेलने से उन्हें यह समझने में मदद मिली कि कब कौन-सी गेंद डालनी चाहिए।

वरुण ने बताया, 'जब मैंने विजय हजारे ट्रॉफी खेली, तो मुझे यह समझ आया कि मैं अपनी अंदर आती गेंद, बाहर जाती गेंद, सीधी गेंद या टॉप स्पिन कब डाल सकता हूं। इससे मुझे यह जानने में आसानी हुई कि किस समय कौन-सी गेंदबाजी करनी है। यह टी20 से पूरी तरह अलग रणनीति होती है।' 

उनका मानना है कि टी20 में गेंदबाज को बहुत कम मौके मिलते हैं और बल्लेबाज हावी रहते हैं, लेकिन 50 ओवर के प्रारूप में गेंदबाज को अपनी योजना बनाने का समय मिलता है। चक्रवर्ती ने कहा कि वे लगातार अपने खेल में सुधार कर रहे हैं और भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वनडे और टी20 में सफल होने के लिए गेंदबाजों को अपनी रणनीति में बदलाव लाने की जरूरत होती है।

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