गणेश मिश्रा- बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों की बड़ी कार्यवाही की है। उसूर थाना क्षेत्र के अलग- अलग कार्यवाहियों में टेकमेटला, नड़पल्ली, मल्लेमपेंटा के जंगलों से 36 लाख के ईनामी 08 माओवादियों साहित कुल 14 माओवादी गिरफ्तार किया है। मेमोरण्डम के आधार पर स्पाईक और जमीन खोदने का औजार बरामद किया है। डीआरजी, थाना उसूर, कोबरा 205, 210, केरिपु 196 एवं 229 ने संयुक्त कार्यवाही की है।
बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों की बड़ी कार्यवाही की है। उसूर थाना क्षेत्र के अलग- अलग कार्यवाहियों में टेकमेटला, नड़पल्ली, मल्लेमपेंटा के जंगलों से 36 लाख के ईनामी 08 माओवादियों साहित कुल 14 माओवादी गिरफ्तार किया है. @DistrictBijapur #Chhattisgarh #naxalites #naxal pic.twitter.com/15WV94pV7m
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) January 24, 2025
नारायणपुर पुलिस जारी की नई सरेंडर पॉलिसी
लाल आतंक के खिलाफ बस्तर में जारी एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान नारायणपुर पुलिस की ओर से सरेंडर करने वाले नक्सलियों के लिए नई पॉलिसी शुरू की गई है। जिसके तहत कैंप के सामने खड़े होकर पेड़ की झाड़ियों को दिखाने वालों को यह समझा जाएगा कि वह अबूझमाड़ के विकास के लिए नक्सलियों की बंदिशों को छोड़कर मुख्यधारा में जुड़ना चाहता हैं। जिसे नक्सल पुनर्वास नीति के तहत सरकार की योजनाओं से जोड़कर माड़ के विकास और बेहतरी के लिए मुख्यधारा में लौटाया जाएगा।
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एसपी ने दी जानकारी
नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि, हाल ही के दिनों में हार्डकोर नक्सलियों के आत्मसमर्पण के बाद उनसे हुई इन्वेस्टिगेशन में एक बात हाईलाइट हुई कि अबूझमाड़ में सक्रिय बहुत सारे नक्सली सरेंडर करना चाहते हैं। लेकिन, वे खुलकर एक दूसरे से नहीं बोल पा रहे हैं। नक्सल पंथ छोड़कर आने वाले नक्सलियों की बातों को सुनने के बाद सरेंडर पॉलिसी को सरल और सुगम बनाया गया हैं। उन्होंने बताया कि अबूझमाड़ प्रकृति का एक प्रतीक है कोई भी प्राकृतिक संकेत दिखाकर आत्मसमर्पण आसानी से किया जा सकता है। नारायणपुर पुलिस की ओर से सरेंडर करने वाले नक्सलियों के लिए एक सिंबल बनाया गया है। जिसके तहत कैंप के पास आकर पेड़ की झाड़ी दिखाने वाले को यह समझ जाएगा कि वह मुख्यधारा में जुड़ना चाहते हैं। पुलिस कप्तान प्रभात कुमार के मुताबिक जिले के सभी पुलिस थाना और कैंप के अधिकारियों को ब्रीफ कर दिया गया है जिसके तहत थाना के सामने खड़े होकर झाड़ियां दिखाने पर पुलिस यह समझेगी कि वह मुख्य धारा से भटके हुए लोग अब सरकार के साथ जोड़कर समाज का हिस्सा बने आ रहे हैं।