एनिशपुरी गोस्वामी- मोहला। छत्तीसगढ़ के मानपुर- मोहला, अंबागढ़- चौकी विकासखंड के ग्राम संसारगढ़ में वनों को आग से बचाने के लिए डेढ़ किलोमीटर तक पटरी बनाया गया है। यहां प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी वन सुरक्षा समिति और समस्त ग्रामवासियों के द्वारा गांव के जंगल पहाड़ी को भीषण गर्मी मे लगने वाले आग से बचाने लगभग डेढ़ किलोमीटर तक पटरी बनाई जाती है।
उल्लेखनीय है कि, ग्राम संसारगढ़ में जंगल और पहाड़ी को आग से बचाने 320 हेक्टेयर में पहले जंगल में डेढ़ किलोमीटर तक की पटरी बनाई गई है। संसारगढ के ग्रामीण सुभाष पटेल कनक पटेल ने बताया कि, गर्मी के दौरान आग लगने की बेहद संभावना रहती है। पटरी बनानें से जंगल मे आग नहीं लग पाएगा। उन्होंने आगे बताया कि, जंगल में अनेक प्रकार के जीव- जंतु, पेड़ पौधे हैं। जंगल में आग लगने से वे जलकर खाक हो जायेगे। इसे बचाने के लिए वे लोग हर साल गांव के पूरे महिला पुरुष, युवा ग्रामीण पटरी का निर्माण कर जंगल और जंगल के अधीन जीव जंतु को बचाते आ रहे है।
इन ग्रामीणों की रही भूमिका
भीषण गर्मी में आग से जंगल को बचाने तोरण कोडापे ग्राम पटेल, सुभाष पटेल, वन सुरक्षा समिति अध्यक्ष दारासिंह कोड़पे, सनकु राम उसेंडी, कला बाई, सुदामा बाई, कनक पटेल, लता बाई, जयलाल, विनोद पटेल, रामराज, रामसूरज, सुनती बाई, पूर्णिमा, सबिता, अग्नि मंडावी और समस्त ग्रामवासी महिला- पुरुषों का योगदान रहा।
इन जानवरों को रहता है खतरा
संसरगढ़ के ग्रामीणों ने बताया कि मोगरा बैराज व आमागढ़ के पहाड़ियों से सटे संसरगढ़ के जंगल में भालू, तेंदुआ, खरगोश, हिरन, लल, लोमड़ी, बंदर, सोइया, बरहा, नेवला, गिलहरी, चूहा, लकड़बग्घा आदि जंगली जानवर जंगल में विचरण करते हैं. जिन्हें गर्मी में उत्पन्न हुए आग से खतरा रहता है।
इन पक्षियों का पनाहगाह है जंगल
कोयल, मोर, पड़की, चिक्की, चाहची, टेहरा, रेकड, तितुर, लावा, उसी, बाज, चमगादड़, उल्लू, खुशरा, तोता, किदररी, हरील, मंजूरसूरिया, ऐरी, पानी कौआ, जंगल मुर्गा, बगुला इत्यादि पक्षी संसारगढ़ के वादियों में निवासरत है।
जल के राख हो जाते हैं ये पेड़
संसारगढ के ग्रामीणो के मुताबिक उनके गांव के जंगल में चार, महुआ, तेंदू, हर्रा, बेहरा, कर्रा,जामुन, चिराइजाम, धौरा, सेना, कोसुम, बांस, पीपल, डूमर, बरगद, बेर, इमली, आम, साझा, सागौन आदि पेड़ पौधे जंगल में स्थापित है. जिन्हें गर्मी के दिनों में बचाने वे हर साल व्यापक कदम उठाते हैं।