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AAP ने ट्वीट करते हुए आरोप लगाया कि एलजी वीके सक्सेना ने अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए पोस्ट में बदलाव किया। AAP के मुताबिक, एलजी ने पहले मौतों की बात स्वीकार की थी, लेकिन बाद में बीजेपी और केंद्र सरकार को बचाने के लिए इसे हटा दिया।

AAP attack on Delhi LG Saxena: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ के बाद एलजी वीके सक्सेना द्वारा किए गए ट्वीट पर विवाद खड़ा हो गया है। शुरुआत में उन्होंने इस घटना में यात्रियों की मौत की बात स्वीकारी थी, लेकिन बाद में इस पोस्ट को एडिट कर दिया गया। आम आदमी पार्टी (AAP) और अन्य विपक्षी दलों ने इस पोस्ट के एडिट करने को लेकर एलजी और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आइए जानते हैं क्या था पूरा मामला और किस तरह से राजनीतिक विवाद उठ खड़ा हुआ।

एलजी का पहला ट्वीट और उसकी प्रतिक्रिया

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 से ज्यादा लोगों की जान गई, और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए। इस घटना के बाद एलजी वीके सक्सेना ने ट्विटर पर एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने इस दुखद घटना को लेकर संवेदना व्यक्त की थी। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि भगदड़ और अव्यवस्था के कारण जान-माल की हानि और लोग घायल हुए हैं। इस ट्वीट में यात्रियों की मौत होने की बात स्वीकार की गई थी। 

पोस्ट एडिट करने की स्थिति

लेकिन, इसके कुछ ही समय बाद, एलजी ने अपने ट्वीट में फेरबदल कर दिया। पोस्ट को एडिट करते हुए उन्होंने 'मौत' शब्द को हटा दिया और घटना को महज 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताकर हल्का किया। इसके बाद की पोस्ट में लिखा गया कि उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त से स्थिति का जायजा लिया और राहत उपायों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए। इस एडिटेड पोस्ट में किसी भी तरह से मौत की बात नहीं की गई थी। 

AAP का तीखा हमला

आम आदमी पार्टी ने एलजी के इस ट्वीट को लेकर हमला बोला। AAP ने ट्वीट करते हुए आरोप लगाया कि एलजी वीके सक्सेना ने अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए पोस्ट में बदलाव किया। AAP के मुताबिक, एलजी ने पहले मौतों की बात स्वीकार की थी, लेकिन बाद में बीजेपी और केंद्र सरकार को बचाने के लिए इसे हटा दिया। पार्टी ने इसे नाकामी का शर्मनाक उदाहरण करार दिया और कहा कि एलजी और केंद्र सरकार ने न तो दुख जताया और न ही घटना को गंभीरता से लिया।

एलजी की नाकामी पर विपक्ष का हमला

आम आदमी पार्टी ने एलजी और केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ये लोग दिल्ली के करोड़ों लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। पार्टी ने इसे केंद्र सरकार की नाकामी और जिम्मेदारी से बचने की कोशिश बताया। आप ने आरोप लगाया कि 15 से ज़्यादा लोगों की जान गई, लेकिन एलजी और केंद्र सरकार ने इसे स्वीकार तक नहीं किया, जो कि और भी शर्मनाक है। शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी और एलजी के एडिट किए गए पोस्ट का स्क्रीन शॉट शेयर किया। उन्होंने रेलवे अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी पर सवाल उठाया और इसकी आलोचना की।

राहत कार्यों की समीक्षा और ऐक्शन की घोषणा

एलजी वीके सक्सेना ने बाद में यह स्पष्ट किया कि वे राहत कार्यों की लगातार निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को घटनास्थल पर तैनात करने और राहत कार्यों के समन्वय के लिए निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद विपक्षी दलों ने एलजी और केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया को नाकाफी और असंवेदनशील बताया।

विपक्षी दलों का एकजुट विरोध

एलजी के ट्वीट को लेकर विपक्षी दलों का विरोध जारी है। उनका कहना है कि एलजी ने पहले तो घटना की गंभीरता को स्वीकार किया, लेकिन बाद में पोस्ट में बदलाव करके घटना को हल्का किया। इस तरह की राजनीति से नुकसान सिर्फ पीड़ितों को ही हो रहा है, क्योंकि जिम्मेदारी से भागने की बजाय सरकार को पीड़ितों की मदद और राहत कार्यों में पूरी तरह से जुट जाना चाहिए था। इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और इस मामले में और भी प्रतिक्रियाएं आने की संभावना जताई जा रही है।

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