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NDLS Stempede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ हादसा, पहला हादसा नहीं है बल्कि 2004, 2010 और 2012 में भी ऐसे हादसे हो चुके हैं। इस दौरान कई लोगों ने अपनी जान गंवाई थी।

NDLS Stempede: शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में 4 बच्चों समेत 18 लोगों की मौत हो गई और 10 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हालांकि ये हादसा पहला हादसा नहीं है, इससे पहले भी कई बार भगदड़ के कारण लोगों की जानें जा चुकी हैं। वहीं इस हादसे ने एक बार फिर पुराने जख्मों को कुरेदकर दर्दनाक हादसों की याद दिला दी। 1981 से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर काम कर रहे एक कुली ने उन सभी पुराने मंजरों की याद दिला दी लेकिन वहीं उन्होंने इस हादसे को अब तक का सबसे बड़ा हादसा बताया है।

उनका कहना है कि किसी भी हादसे में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत नहीं हुई और न ही इतनी बड़ी तादाद में लोग घायल हुए। कुली सुगन लाल मीणा ने बताया कि वो साल 1981 से कुली का काम कर रहे हैं लेकिन इससे ज्यादा भीड़ पहले कभी नहीं देखी। हालांकि इससे पहले तीन बार ऐसे हादसे देख चुका हूं लेकिन इससे ज्यादा संख्या में भीड़, मरने वाले और घायल लोगों को नहीं देखा। 

साल 2012 में भगदड़ से दो लोगों की मौत

साल 2012 में बिहार जाने वाली ट्रेन का अचानक प्लेटफॉर्म बदलने के कारण भगदड़ मच गई थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान एक 35 वर्षीय महिला और एक 14 वर्षीय लड़के की जान गई थी। बता दें कि इस हादसे के बाद तत्कालीन रेलवे अधिकारी ने बताया था कि विक्रमशिला एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से पांच मिनट देरी से आ रही थी। इस दौरान अचानक ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 12 की बजाय 13 से रवाना हुई। वहीं प्लेटफॉर्म नंबर 12 से चलने वाली ट्रेन 13 पर आ गई। आखिरी वक्त में अचानक से प्लेटफॉर्म संख्या बदलने से अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान भारी सामान लेकर सैकड़ों लोग एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर भागने लगे और इसमें दो लोगों की जान चली गई।

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साल 2010 में भगदड़ से दो लोगों की मौत

साल 2010 में भी कुछ ऐसा ही मंजर देखने को मिला था। मई के महीने में भीषण गर्मी के बावजूद रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ थी। आखिरी समय में अचानक पटना जाने वाली ट्रेन का प्लेटफॉर्म नंबर बदल गया। इसके कारण नई दिल्ली रेलवे स्टटेशन पर भगदड़ मच गई। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 15 यात्री घायल हो गए थे। खबरों की मानें, तो दोपहर लगभग 2.50 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 13 पर आने वाली बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर 12 पर आ गई। देखते ही देखते वहां भगदड़ की स्थिति हो गई। आखिरी मिनट में प्लेटफॉर्म संख्या बदलने के कारण लोग इधर से उधर भागने लगे और धक्का-मुक्की करने लगे, जिससे भगदड़ मची और दो लोगों की जान गई। 

2004 में पांच महिलाओं की मौत

13 नवंबर साल 2004 में भी ऐसी ही घटना देखने को मिली थी। इस दौरान लोग ट्रेन पकड़ने के लिए ओवरब्रिज पर दौड़ रहे थे और एक दूसरे पर गिर पड़े थे। इस भगदड़ में 5 महिलाओं की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। इस भगदड़ की वजह भी यही बताई गई थी कि अचानक से अंतिम समय में रेलवे प्लेटफॉर्म नंबर बदल दिया गया था। 

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